राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर(मिथिला हिन्दी न्यूज)। डॉ० सी०पी० ठाकुर जिस पूसा उच्चविधालय में पढ़ाई की आज वह अपने जीर्णोद्धार की बांट जोहते हुऐ अपने आप पर आंसू बहाने को मजबूर है।
उक्त कथन स्थानीय समाजसेवी युवा बरूणेश विजय मिश्रा का कथन है। उन्होंने आगे कहा की वे
जिस कमरे में बैठकर डॉ०सी०पी०ठाकुर पढ़े उसकी दीवारें मरम्मत के अभाव में आज ढहने वाली हैं।उच्च विद्यालय पूसा वर्ष १९१२ ईस्वी में स्थापित हुआ, सो यूँ भी ऐतिहासिक है। १९३४ का भूकम्प झेलने के बाद भी खड़ा रहा, तो मजबूती दिखी। अब भी है, तो वाकई ऐतिहासिक धरोहर है।
डॉ० सी० पी० ठाकुर सरीखे कई विभूतियों ने यहाँ से पढ़कर नाम रौशन किया, पर विद्यालय के भवन की स्थिति शिक्षाप्रेमी विभूतियों को मुँह चिढ़ा रही है।
प्रधानाध्यापिका के अनुरोध पर विद्यालय गया।
स्थिति वर्तमान व्यवस्था की सच्चाई बताने को बहुत है।
सभी सक्षम लोगों से इस धरोहर को बचाने की अपील किया है युवा बरूणेश विजय मिश्रा ने ।