राजेश कुमार वर्मा / महताब आलम
समस्तीपुर (मिथिला हिन्दी न्यूज)। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र पूसा का भाग्य और भी चमकने वाला है बेरोजगार बैठे व्यापारी, मजदूर को अब जल्द ही कृषि अनुसंधान संस्थान में रोजगार का मौका मिलेगा हुई प्रेसवार्ता में खंडन करते हुए केंद्र से आईं ३ सदस्य टीम ने यह खुलासा किया है! सवाल जवाब में डॉक्टर ए. के. सिंह ,संयुक्त निदेशक शोध भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, ने यह जानकारी साझा की ,कि बिहार में हो रहे बीज उत्पादन में और बढ़ोतरी करने की जरूरत है जोड़ते हुए उन्होंने कहा की बिहार की वायु में बीज उपजाने की क्षमता अधिक है और लगातार हो रहे शोध में उन्होंने पाया कि पूरे विश्व में हो रहे गेहूं की उपज से सरकार को अधिक लाभ मिल रहा है और साथ ही साथ पूरे विश्व में हो रहे गेहूं कि उपज की 50०/० की भागीदारी पूसा की है बासमती धान पर भी हो रहे लगातार शोध में उन्होंने पाया कि पुसा बासमती 1121,पूसा बासमती 1509 इत्यादि से हो रहे विश्व भर में अच्छी निर्यात से सरकार और किसान दोनों को अच्छा लाभ मिल रहा है और इसे बेहतर बनाने की कोशिश जारी है सरसों बीज की जानकारी देते हुए डॉ डी.के यादव विज्ञान एवं प्रौद्योगिक अध्यक्ष सह सहायक महानिदेशक,ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले सालों में नए किस्म के बीज के उत्पादन के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है और बीज को बीमारी रहित और अच्छी नस्ल की पैदावार के लिए प्रायोगिक उपकरण भी उपलब्ध करेंगे और अंत में डाक्टर रत्नेश कुमार प्रसाशक ने भी इस बिहार की कृषि अनुसंधान संस्थान की खूबसूरत भविष्य की कामना की।