अपराध के खबरें

वरीय पुलिस अधिकारी की गैर सरकारी संस्था में जारी है गोरखधंधा

 राजेश कुमार वर्मा 


समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज)। आईपीएस और आईएएस स्तर के वरीय अधिकारियों ने अपने - अपने सगे - संवंधियों के नाम स्वंयसेवी गैर सरकारी संस्थान बनाकर लाखों - लाख रूपये प्रति वर्ष सरकार को चुना लगा रहे है । बताया जाता है की समस्तीपुर शहर में विगत कई वर्षो से बाल सरंक्षण बाल गृह, बालिका संरक्षण गृह , कंप्यूटर ट्रेनिंग सेन्टर के नाम संस्थाओं को खोल कर सरकार के विभिन्न विभाग से अधिकारियों को मिला कर लूट मचाए हुए है । बताया जाता है की समस्तीपुर जिला के खानपुर प्रखंड के थानाध्यक्ष को चाईल्ड केयर (प्रयास) संस्था द्वारा प्रेषित पत्र में गठित धावा दल द्वारा बाल श्रम से मुक्त करने के सम्बन्ध में दिया गया । इस पत्र में चार बालक को मुक्त करने की बात कहा गया है, आश्चर्य की बात है की बाल श्रम से मुक्त किये जाने पर किसी प्रकार का मुकदमा जिले की किसी थाने मे नहीं कराये जाते है और संस्था के संचालक, थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारी एंव श्रम निरीक्षक समेत होटल मालिक, चिमनी मालिक, छोटे छोटे लघु उद्योग के संचालक को आर्थिक भैया दोहण किए जाने की खबर सुनकर सनसनी फैल गई है। सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार यहां तक की उन बच्चे के माँ बाप को भी आर्थिक भैयादोहण किये जाने की भी खबर मिली है। बाल गृह के संचालन में आरक्षण और रोस्टर का कोई ख्याल नहीं रखा गया है खास कर संस्था के संरक्षक या तो अपनी जाति के या दूर के सगे सम्बंधी या बाहुबली को नियुक्त कर अधिकारियों को धमकाने का भी काम करते है । बिहार के और देश के चर्चित आईपीएस समस्तीपुर के निवासी के सरंक्षण में चल रहे बालिका गृह , कंप्यूटर ट्रेनिंग सेन्टर के नाम पर विभिन्न जिला में चलाए जा रहे सेन्टर में कार्यरत संदिग्ध आचरण के लोगों के कारण राज्य सरकर एंव केंद्र सरकार के क्रियाकलाप पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है । जानकारी के मुताबिक एक बड़े पुलिस अधिकारी के संरक्षण में संस्था होने का भय दिखा कर गोरखधंधा का काम जारी है । सरकारी अधिकारी एंव एनजीओ के संचालक की गतिविधियों की जांच शीघ्र कराए अन्यथा कोई भी बड़ी से बड़ी हादसा होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है । ट्रेनों में और होटलों में , ईंट भठ्ठा पर, बड़े बड़े अधिकारी के घरों मे चाय पानी , बच्चों के खेलने के लिए बाल श्रम किये जाने की भी खबर है । इसके पूर्व समस्तीपुर स्टेशन पर ट्रेनों से जानेवालों बच्चें के परिजन से चाईल्ड लाईन के आड़ में आर्थिक भैयादोहण की भी खबर है । देश के चर्चित पुलिस अधिकारी की संस्था के प्रयास की क्रियाकलाप विगत कई दसक से संदिग्ध बताया जा रहा है । 

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