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विद्यालय प्रधानाचार्या ने बच्चों की सुरक्षा हेतु प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लगाया गुहार



बद से बदतर है विद्यालय की स्थिति बच्चों को पढ़ने में होती है काफी कठिनाइयां


राजेश कुमार वर्मा/धर्मविजय गुप्ता

   समस्तीपुर(मिथिला हिन्दी न्यूज)। समस्तीपुर जिलान्तर्गत शिवाजीनगर प्रखंड के दहियार रण्ना पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बद से बदतर है विद्यालय की स्थिति बनी हुई है वहां के बच्चों को पढ़ने में होती है काफी कठिनाइयां गरीबसंतपुर में वर्षो से स्थापित है राजकीय प्राथमिक विद्यालय जहां हजारों बच्चें शिक्षा प्राप्त कर अपना जीवन यापन करने में लगे हुये है । लेकिन आज उस विद्यालय को अपने पुराने बिल्डिंग पर तरस आ रहा है जहां 150 के लगभग नामांकित बच्चे बच्चियाँ है, जिस विद्यालय में पुरानी दो कमरें हैं जो पूर्ण रुप से जर्जर एंव खण्डहर में तब्दील है, जहां हमेशा सांपों और बिच्छूओं का निकलना लगा रहता हैं । लेकिन फिर भी छात्र यहां जान जोखिम में डाल कर पढ़ रहे हैं।कहना है की सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन प्रदेश के कई इलाकों में स्थित स्कूल आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. जिले के एक गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय गरीबसंतपुर अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस विद्यालय में न बाउंड्री है न शौचायल और न ही पानी की व्यवस्था है। स्कूल के भवन के नाम पर जर्जर भवन खड़ा है।जो कभी भी धराशायी हो सकता है और इसमें पढ़ने वाले बच्चे के साथ बड़ी दुर्घटना घटने की संभावना प्रबल बनी हुई है। जब मीडिया दर्शन के साथ मिथिला हिन्दी न्यूज बेव पोर्टल प्रतिनिधि ने इस स्कूल का दौरा कर सच्चाई जानी तो अचम्भित है। बताया जाता है की जिले के शिवाजीनगर प्रखंड में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय है।यहां लगभग 150 से 200 बच्चे पढ़ते हैं। आज भी यह विद्यालय टूटी फूटी बिल्डिंग में चल रही है। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यहां बच्चों के लिए न शौचायल और न ही पानी की व्यवस्था है। कक्षा में पढ़ते बच्चे " यहां सांप और विषैले कीड़े निकल जाते हैं " विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि हम यहां जमीन पर बैठ कर पढ़ते हैं । इस विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है ।विद्यालय के हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है । यहां हमेशा सांप और विषैले कीड़े आ जाते हैं ।विद्यालय से बहुत दूर पानी पीने के लिए जाना पड़ता है ।छात्र और शिक्षकों का बयान यह है की "भवन को लेकर विभाग उदासीन है " वहीं, विद्यालय प्रधानाध्यापिका मंजू कुमारी का कहना है कि किसी प्रकार बच्चों को पढ़ाया जा रहा है । शिक्षा विभाग विद्यालय के भवन निर्माण को लेकर उदासीन बना हुआ है । विभाग भवन बनाने के लिए पैसा मुहैया कराता तो विद्यालय का भवन बनवा दिया जाता।हमने कई बार प्रखन्ड शिक्षा पदाधिकारी शिवजीनगर को पत्र लिख कर भवन बनाने के लिये गुहार लगाई लेकिन किसी पदाधिकारी के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसको लेकर हमलोगों को हमेशा डर सा बना रहता है कि हमारे बच्चों के साथ पढ़ाते वक्त छत गिरकर कोई बड़ी हादसा न हो जाये। वहीं इस विद्यालय को लेकर विद्यालय के सचिव निक्कू कुमारी एबं प्रखंड कांग्रेस कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह ने बताया कि हम लोग भी इस विद्यालय को लेकर बार बार इसकी शिकायत शिक्षा पदाधिकारी से करते आ रहे हैं लेकिन किसी पदाधिकारी के द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता है वहीं निक्कू कुमारी का बताना हुआ कि बारिश का समय चालू हो गया जिससे छत पर भी पानी लग कर चुने लगता है। वही अधिक बारिश होने पर पूरा स्कूल का प्लेग्राउंड पानी से भर जाता है जिसको लेकर बच्चे की पढ़ाई बंद हो जाती है
अब देखना यह है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी या जिला शिक्षा पदाधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर एक बड़ी दुर्घटना होने तक का इंतजार कर रहे हैं ।ऐसी सोच है इस विधालय के शिक्षक एंव छात्रों के अभिभावकों सहित ग्रामीणों की। 

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