राजेश कुमार वर्मा/संजय कुमार
समस्तीपुर (मिथिला हिन्दी न्यूज) ।राजकीय उच्च मध्य विद्यालय, विरनामा रही के प्रधानाध्यापक उपेन्द्र राय ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी, समस्तीपुर को एक आवेदन देकर मध्याहन भोजन योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी पर राशि निर्गत कराने के बदले एक लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।
श्री राय ने अपने आवेदन में उल्लेखित किया है की उनकी प्रोन्नति माहेसिंघिया (लगमा) हुआ था, अस्वस्थता के वजह से वे वहाँ कार्य ग्रहण नहीं कर पाये और राजकीय उच्च मध्य विद्यालय, विरनामा रही में ही अपना योगदान देते रहें, जिस वजह से विद्यालय कोष, मध्याहन भोजन का खाता एवं उनका वेतन प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी एवं कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा रोक दिया गया। ऐसी स्थिति में मिड डे मिल को सुचारु रूप से चलाने में आर्थिक संकट उतपन्न हो जाने के वजह से जब वे ये परेशानी कार्यक्रम पदाधिकारी के सामने रखे तो उन्होने आदेशात्मक लहजे में कहा की मिड डे मिल को बंद मत कीजिये अन्यथा आपके ऊपर कार्रवाई हो जाएगी, आपके विद्यालय का खाता चालू होते ही सभी राशि जोड़कर भिजवा दिया जाएगा। साथ ही साधनसेवी (उजियारपुर) सुरेन्द्र राय को भी कहने पर उनके द्वारा भी इसी तरह का आश्वाशन दिया गया की खाते पर से रोक हटते ही सभी भुगतान करा दिया जाएगा। वे (उपेन्द्र राय) किसी तरह कर्ज लेकर योजना को चालू किए रहे और जब 02 माह पूर्व विद्यालय के मध्याहन भोजन योजना से संबन्धित अकाउंट पर से रोक हट गयी, तब तो कई दफा कहने पर केवल 01 माह की राशि भेजी गयी। फिर कई दफा कहने पर कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याहन भोजन योजना) द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया की प्रत्येक महीने के 10 हजार के हिसाब से एक लाख रुपए पहले दीजिये, सभी बकाया राशि मध्याहन भोजन के खाते पर चला जाएगा, इसका कारण बताते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी कहते हैं की उनको भी राज्य में बैठे पदाधिकारी को “नजराना” देना पड़ता है, अगर इतनी राशि देने में सक्षम हैं तो योजना को चलायेँ, अन्यथा बंद कर दें, जबकि साधनसेवी (उजियारपुर) सुरेन्द्र राय का कहना है की तीन हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से उनको रकम दिया जाय, तब सभी भुगतान करा दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में 18 अप्रैल 2019 से विद्यालय में मध्याहन भोजना योजना के तहत विद्यालय में भोजन का संचालन बंद कर दिया गया है। प्रधानाध्यापक श्री राय ने सीधा आरोप लगाया है की डीपीओ (एमडीएम) और साधन सेवी मिलकर उनकी प्रतिष्ठा का हनन किए हैं साथ ही विद्यालय की व्यवस्था को भी ध्वस्त किए हैं।
अब बड़ा प्रश्न यह है की आखिर सुशासन वाले राज में गरीब विद्यार्थियों के निवाले पर लगा पहरा कब हटेगा? राज्य में मिड डे मिल की शुरुआत इसलिए की गयी थी ताकि गरीब बच्चे अधिकाधिक संख्या में विद्यालय आना शुरू करें और शिक्षित होकर राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करें। लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी इनके निवाले पर भी अपनी गिद्ध दृष्टि डालकर पूरी राशि को हजम करने के प्रयास में लगे रहे हैं। अब चूंकि मामला मुखयमंत्री से लेकर सभी बड़े अधिकारियों तक गई है, ग्रामवासियों को उम्मीद है की जल्द मामले की जांच कर, दोषियों के ऊपर कारवाई होगी। लेकिन इस बीच दुखद खबर यही है की राजकीय उच्च मध्य विद्यालय, विरनामा रही, समस्तीपुर में मिड डे मिल योजना बंद है और गरीब छात्रों को सरकार के द्वारा जो आहार मुहैया कराया जा रहा है, उससे वे मरहूम हैं।