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प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी इश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा " शास्वत यौगिक खेती प्रशिक्षण " कार्यक्रम का किया गया आयोजन

राजेश कुमार वर्मा

समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ताजपुर रोड के सभागार में। ब्रह्माकुमारीज के राजयोग एजूकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के कृषि एंव ग्राम विकास प्रभाग द्वारा " शास्वत यौगिक खेती प्रशिक्षण " कार्यक्रम आयोजित किया गया। शास्वत यौगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण देने हेतू महाराष्ट्र के कोल्हापुर से राजयोगी बाला साहेब मोरे एंव नांदेड़ से ब्रह्माकुमार भगवान भाई पधारे।कार्यक्रम में दोनों प्रशिक्षकों ने उपस्थित ब्रह्माकुमार एंव ब्रह्माकुमारी को बताया की यौगिक खेती करके अच्छी फसल की पैदावार करने की जा सकती है।इसके विधि पुरे भारतवर्ष में १८ कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को बताया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर डॉ० के०एम०सिंह निदेशक ,एक्सटेंशन एजूकेशन राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा एंव डी०के०श्रीवास्तव एम.डी. सुधा डेयरी समस्तीपुर ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम सभा को संवोधित करते हुऐ अपने उद्घाटन संवोधन में निदेशक के.एम.सिंह ने कहा कि शास्वत यौगिक खेती जो हमारे भारत की प्राचीन पद्धति है , उसको पुनर्जीवित किए जाने की आवश्यकता है।बह्माकुमारीज का ऐ प्रयास समय की मांग है । उन्होंने आगे कहा की आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ जीवन देने के लिए कृषकों को इस ओर कदम बढ़ाना बहुत जरूरी ही नहीं अतिआवश्यक है।उक्त कार्यक्रम को संवोधित करते हुऐ सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक डी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि शास्वत यौगिक खेती एक प्राकृतिक विज्ञान है।उन्होंने आगे कहा की इससें दूर होने से ही मानव स्वास्थ्य एंव जीवन तार - तार हो रहा है। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे जिले से लगभग डेढ़ सौ से अधिक आंगुन्तको को प्रशिक्षण देते हुए श्री बाला साहेब मोरे ने कहा कि अमेरिका के क वैज्ञानिक ने रिसर्च कर बताया कि यदि ब्रह्मांड की शक्ति को पौधों में समाहित किया जाऐ तो इनसे अच्छा उत्पादन किया जा सकता है।उन्होंने आगे कहा कि शास्वत यौगिक खेती एक ऐसी ही विधि है।जिसके द्वारा हम राजयोग के माध्यम से बीजों एंव पौधों को सकारात्मक ब्रह्मांडीय उर्जा द्वारा हम शक्तिशाली बनाते हैं। श्री मोरे ने आगे कहा की पेड़ पौधे भी हमारी भावनाओं को स्वीकार करते हैं।खेती के समय हमारे अन्दर अगर स्नेह सम्मान की भावना रहती हैं तो पौधों की स्वाभाविक रूप रूप से अच्छी वृद्धि होती हैं।इस बात को उन्होंने कई सच्ची घटनाओं एंव उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया।आगुन्तकों का आतिथ्य सत्कार ब्रह्माकुमारी संगीता बहन ने किया।प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार कृष्ण भाई एंव समापन धन्यवाद ज्ञापन नरकटियागंज से आऐ ब्रह्माकुमारीज अंकिता बहन ने की।

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