राजेश कुमार वर्मा/सुरेश कुमार राय
समस्तीपुर(मिथिला हिन्दी न्यूज) । आए दिन गांव , कस्बे प्रदेशों और जिलों में लगातार डीजे पर अश्लील गाने और ऑर्केस्ट्रा में लड़कियों का अर्धनग्न नाच से , मोहल्ले और गांव के सारे लोगों में और मां बहनों में परेशानी का आलम बना हुआ है , और मानवता शर्मसार है। सरेआम , मोहल्ले के बीच से होते हुए तेज ध्वनि में अश्लील गानों, का बजा कर जाना और ऑर्केस्ट्रा पर अर्धनग्न नाच आज इस दौर में आम बात सी हो गई है। मनोरंजन के नाम पर मानवता और इज्जत की धज्जियां उड़ाते हुए कुछ मनचले और अप्रिय मिजाज के लड़के आज सरेआम गांव और मोहल्लों में लड़कियों को गंदे गंदे इशारे और फब्तियां कसते हुए नजर आ रहे हैं। मनोरंजन के नाम पर अश्लील गाने बजाना यह कहां तक सराहनीय है? घर में बैठे भाई- बहन सगे-संबंधी के भावनाओं पर क्या बीतती होगी .? क्या यही होना चाहिए , ? मनोरंजन के नाम पर क्या यह समाज की बदनामी नहीं है .? इस मुद्दे को तनाव का विषय बनाते हुए उच्च अधिकारी को इसके विरूद्ध जल्द ही कोई निर्णय लेना चाहिए।ताकि आने वाले समय में इस तरह के अभद्र और अश्लील हरकत पर रोक लगाई जा सके।
समस्तीपुर(मिथिला हिन्दी न्यूज) । आए दिन गांव , कस्बे प्रदेशों और जिलों में लगातार डीजे पर अश्लील गाने और ऑर्केस्ट्रा में लड़कियों का अर्धनग्न नाच से , मोहल्ले और गांव के सारे लोगों में और मां बहनों में परेशानी का आलम बना हुआ है , और मानवता शर्मसार है। सरेआम , मोहल्ले के बीच से होते हुए तेज ध्वनि में अश्लील गानों, का बजा कर जाना और ऑर्केस्ट्रा पर अर्धनग्न नाच आज इस दौर में आम बात सी हो गई है। मनोरंजन के नाम पर मानवता और इज्जत की धज्जियां उड़ाते हुए कुछ मनचले और अप्रिय मिजाज के लड़के आज सरेआम गांव और मोहल्लों में लड़कियों को गंदे गंदे इशारे और फब्तियां कसते हुए नजर आ रहे हैं। मनोरंजन के नाम पर अश्लील गाने बजाना यह कहां तक सराहनीय है? घर में बैठे भाई- बहन सगे-संबंधी के भावनाओं पर क्या बीतती होगी .? क्या यही होना चाहिए , ? मनोरंजन के नाम पर क्या यह समाज की बदनामी नहीं है .? इस मुद्दे को तनाव का विषय बनाते हुए उच्च अधिकारी को इसके विरूद्ध जल्द ही कोई निर्णय लेना चाहिए।ताकि आने वाले समय में इस तरह के अभद्र और अश्लील हरकत पर रोक लगाई जा सके।