अपराध के खबरें

महिला पर्यवेक्षिका के द्वारा वरीय पदाधिकारी के माथे पर लगाया जा रहा कलंक का टीका


डीएम के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां महिला पर्यवेक्षिका अपने पति के साथ पहुंच रहे आम सभा स्थल पर
महिला पर्यवेक्षिका के बजाय उनके पति खुद सभी लिखित कार्य करते ऐ सिर्फ मोबाईल को देखते हैं
 मुख्य समस्या बनी अगर
समय रहते आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका के बहाली में हो रहे गोरखधंधे को नहीं रोका गया तो कोर्ट में अधिकतर केस आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका से जुड़ी हुई नजर आएगी


राजेश कुमार वर्मा/धर्मविजय गुप्ता

वारिसनगर / समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । वारिसनगर प्रखण्डान्तर्गत सतमलपुर पंचायत के वार्ड न० ०८ के आंगनबाड़ी केन्द्र में सहायक/सहायिका की बहाली में भारी गोरखधंधे करने की बाते सूत्रों से मिल रही है। बताया जाता है की
महिला पर्यवेक्षिका के द्वारा वरीय पदाधिकारी के माथे पर लगाया जा रहा है कलंक का टीका साथ ही नियम को ताकपर रख डीएम के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां ।वहीं महिला पर्यवेक्षिका अपने पति के साथ पहुंच रहे आम सभा स्थल पर महिला पर्यवेक्षिका के बजाय उनके पति खुद सभी लिखित कार्य करते ऐ सिर्फ मोबाईल को देखते हैं ।समय रहते आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका के बहाली में हो रहे गोरखधंधे को नहीं रोका गया तो कोर्ट में अधिकतर केस आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका से जुड़ी हुई नजर आएगी। मिली जानकारी के अनुसार वारिसनगर प्रखंड क्षेत्राधिकार के सतमलपुर पंचायत के वार्ड संख्या ०८ केंद्र संख्या १४८ में आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका कि वहाली दूसरी आम सभा के माध्यम से दिंनाक २० जुलाई १९ को राजकीय मध्य विद्यालय सतमलपुर में किया जाना था जिसको लेकर आज विद्यालय पर ग्रामीणों का जूटाव भी हुआ लेकिन महिला पर्यवेक्षिका आम सभा स्थल पर नही पहुंच पाई। जब समय बीतता गया तो सतमलपुर पंचायत के मुखिया पति वसीम राजा के द्वारा महिला पर्यवेक्षिका से फोन से संपर्क कर आम सभा स्थल पर आने को कहा गया तो पर्यवेक्षिका द्वारा बताया गया कि मेरी तबीयत खराब है मैं नहीं आ सकती। आखिर बिना किसी सूचना का आम सभा को क्यूं स्थगित किया गया।ऐ चर्चा का विषय बन गया है। आपको बताते चले कि सतमलपुर पंचायत के वार्ड संख्या ०८ केंद्र संख्या १४८ में सेविका एवं सहायिका की बहाली का प्रथम आम सभा १२ जुलाई १९ को किया गया था जिसमें सारी प्रक्रिया महिला पर्यवेक्षिका द्वारा बिना मार्गदर्शिका पढ़ कर सुनाये हीं सूचना पंजी पर ग्रामीणों का हस्ताक्षर करा लिया गया था और ऑन लाइन निकाला गया मेघा सूची के क्रमांक संख्या 1 को छोड़ कर सीधे क्रमांक 3 पर नाम दर्ज चांदनी खातुन पति साह फैसल का बहाली नियमावली पढ़कर सुनाये बगैर हीं बहाली कि प्रक्रिया पुर्न की जा रही थी जिसको लेकर आम जनता को शक होते हीं मौजूद लोगों के द्वारा गलत बहाली का विरोध किया गया और मार्गदर्शिका पढ़ कर सुनाने कि मांग होने लगी। तब जाकर महिला पर्यवेक्षिका द्वारा नियमावली पुस्तिका उपलब्ध नहीं होने की बात बताया गया। आखिर एक महिला पर्यवेक्षिका के पास गजट मार्गदर्शिका उपलब्ध नहीं होने का कारण कहीं न कहीं पैसे की लेनदेन और गलत बहाली को दर्शाता है। जिसके बाद आमसभा स्थगित कर अगली तिथि २० जुलाई १९ निर्धारित किया गया।पुन: दुसरी आमसभा में उस वार्ड के लोग मौजूद हुये लेकिन समय निर्धारित होने के बाद भी महिला पर्यवेक्षिका नहीं आई ।ग्रामीणों का बताना है कि बहाली प्रक्रिया के नियमानुसार सभी आवेदिका को ऑनलाइन आवेदन लिया गया था ऑनलाईन मेघा सूची भी तैयार कर नेट पर डाल दिया गया। जिस मेघा सूची के आधार पर बहाली करनी थी जिसमें प्रथम स्थान,पिंकी देवी पति राज कुमार महतो, दुसरा स्थान यास्मीन प्रवीण पति येयाज अहमद , तीसरा स्थान चांदनी खातुंन पति साह फैसल, चौथे स्थान शबाना आजमी, पांचवा स्थान घेज़ला प्रवीण एंव छठे स्थान पर रुबी खातुन जो विकलांग भी है का नाम आ रहा है वहीं लोगों का बताना है कि महिला पर्यवेक्षिका द्वारा बताया गया की प्रथम आवेदिका पिंकी देवी पति राज कुमार महतो जो बाहुल्य वर्ग मैं नहीं आती है जिससे उसकी बहाली नहीं हो सकती है वहीं दूसरे स्थान पर यासमीन प्रवीण पति एयाज अहमद जो वार्ड ०८ की आवेदिका है एंव वोटर लिस्ट के क्रमांक संख्या ८३८ एंव इपिक नम्बर एसपीके २११८५३७ दर्ज है जिसका सारा प्रूफ भी उसके साथ उपलब्ध है फिर उसका बहाली क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि तीसरे नम्बर पर जो आवेदिका चान्दनी खातुन पति साह फैसल जो खुद जन वितरण प्रणाली(पीडीएस) का दुकान चला रहा हो उसका बहाली किस आधार पर किया जा रहा है जबकि बिहार सरकार द्वारा प्रकाशित मार्गदर्शिका २०१६ के पेज संख्या ०५ एवं सीरियल ०६ में साफ दर्शाया गया है कि किसी जन वितरण प्रणाली की पत्नी, बहु, सेविका एवं सहायिका के चयन के लिए अयोग्य होगी उसकी बहाली नहीं हो सकती है। आखिर क्या कारण है कि एक महिला पर्यवेक्षिका अमरास कुमारी द्वारा सरकारी नियमों को ताक पर रख धज्जियां उड़ाई जा रही है और प्रखंड से लेकर जिले में बैठे पदाधिकारी का नाक कटवा रही है वहीं खूलेआम कानून की धज्जियां उड़ाने वाली महिला को किस प्रकार महिला पर्यवेक्षिका बना दिया गया जिसे मार्गदर्शिका का ज्ञान ना हो वह किस प्रकार निष्पक्ष बहाली कर सकती है, सोचनीय विषय बन जाता है। आखिर सरकार एक ओर जहां निष्पक्ष बहाली को लेकर सभी प्रक्रिया ऑनलाइन कर रखी है वहीं ऑनलाइन मेघा सूची के आधार पर सभी सर्टिफिकेट का मिलान कर एवं बाहुल्य वर्ग को देखते हुए निष्पक्ष बहाली क्यों नहीं कर रही है । वही ग्रामीणों का कहना है कि ऑनलाइन मेघा सूची होने के बावजूद भी क्यों महिला पर्यवेक्षिका द्वारा सीरियल का हेरा फेरी कर सरकारी नियमों को ताक पर रखकर एक मोटी रकम लेकर सेविका और सहायिका की बहाली कर रही है महिला पर्यवेक्षिका द्वारा आम सभा में किसी प्रकार से जनता को बरगला कर मार्गदर्शिका बिना पढ़ कर सुनाये हीं क्यों आम सभा में मौजूद लोगों से सादे पंजी पर हस्ताक्षर करा लिया गया। आज जिले में चल रहे आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका के बहाली में गोरखधंधा के वजह से अधिकतर लोग मजबूरण कोर्ट तक पहुंच रहे है और एक भी केश का निपटारा नहीं हो पाता है सभी केश उलझ कर रह जाता है । एक ओर सरकार जहां केश कम करना चाहती है वही भ्रष्ट पदाधिकारी के द्वारा प्रत्येक प्रखंड में अधिकतर केश आंगनवाड़ी सेविका के गलत बहाली के वजह से कोर्ट तक पहुंच रही है फिर भी प्रशासनिक अधिकारी मौन क्यों है क्या उस राशी में जिला में बैठे पदाधिकारी को भी कमीशन जाता है तभी तो इस प्रकार का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है अगर समय रहते जांच की प्रक्रिया पूर्ण कर बहाली नहीं की जाएगी तो आने वाले समय में इन पदाधिकारियों के माथे पर प्रखंड महिला पर्यवेक्षिका द्वारा कलंक का टीका लगाना स्वाभाविक बन जाएगा। 
आगे मैं यह भी बता दूं की किसी भी आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका के बहाली में महिला पर्यवेक्षिका के पति को साथ में नहीं ले जाना है जबकि महिला पर्यवेक्षिका अमरास कुमारी के पति भी आम सभा में बैठकर सभी लिखित कार्य खुद अपने हाथों से करते हुए नजर आए। 

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live