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कुरेड़ी समाज की अपनी अदालत में कई महिला एंव पुरुषों को सुनाई गई सजा के साथ साथ अर्थदंड की सजा

राजेश कुमार वर्मा



 समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । आज के इस दौर में भी समस्तीपुर में कबीलाई संस्कृति जिंदा है। जहां उनकी अपनी अदालत होता है और अपना फैसला। बताते है की समस्तीपुर जिले के शंभू पट्टी पंचायत में कुरेड़ी समाज की जन अदालत में कई ऐसे फैसले सुनाए गए जो आज भी कबीलाई संस्कृति को याद दिलाते हैं। उनके अदालत में महिला मुजरिम के बाल काट दिए गए और पुरुष मुजरिम को पहले खंभे में बांधा गया और बाद में उसके चेहरे पर कालिख पोत दी गई। घुमंतू खानाबदोश कुरेड़ी महासंघ का पांच दिवसीय सम्मेलन स्थानीय शंभू पट्टी ग्रामीण हाट परिसर में शुरू हुआ। अदालत का नेतृत्व महासंघ के अध्यक्ष बोर्ड बिहार राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य कमल कुरेड़ी कर रहे थे।
समाज की ओर से चेन्नई तक जॉर्ज व पंचों के सामने सात मामले सुने गए। सुनवाई के दौरान कुल ०७ मुजरिमों को सजा सुनाई गई उन्हें शारीरिक दंड के अलावा आर्थिक दंड भी दिया गया। मुजरिम पर ५१ हजार से लेकर दो लाख के बीच जुर्माना भी लगाया गया। बतादे की बिहार राज्य के १९ जिलों से यहां कुरेड़ी समाज के करीब २५ हजार से उपर महिला एंव पुरूषों के साथ बच्चे यहां आऐ हुऐ हैं और इनलोगों का कहना है की जब हमलोगों के पंचायत में फैसला नहीं हो पाता है तो अपने समाज द्वारा गठित उच्चस्तरीय न्यायालय में मामला लाया जाता हैं और उसे हमारे जाति के ही न्यायाधीश द्वारा सजा मुकर्रर की जाती है और लोगों के सामने ही सुनिश्चित सजा का दंड दिया जाता हैं।

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