राजेश कुमार वर्मा/धर्मविजय गुप्ता
हिंसा मनुष्य का स्वभाव नहीं है यह तो सिंह, शेर, चीता, बाघ ,जैसे जंगली जानवरों का स्वभाव है । हिंसा से तो हिंसा बढेगी । मनुष्य को जानवरों जैसा व्यवहार छोड़कर अहिंषक ,शांति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए। हिंसा से आज तक किसी को अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । हिंसा मनुष्य का स्वभाव नहीं है यह तो सिंह, शेर, चीता, बाघ ,जैसे जंगली जानवरों का स्वभाव है । हिंसा से तो हिंसा बढेगी । मनुष्य को जानवरों जैसा व्यवहार छोड़कर अहिंषक ,शांति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए। हिंसा से आज तक किसी को अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। अहिंसा में शांति है , शांति में न्याय है, न्याय से बहुजन को अधिकार प्राप्त होता है। शांति व्यवस्था कायम रहने से विकास अपनी गति पकड़ सकता है । राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, जैसे राज्यों में जैन धर्मावलंबियों की बड़ी तादात है । जो शांति प्रिय होते हैं वहां शान्ति स्थापित रहने की वजह से विकास हुआ । जहां कानून व्यवस्था कायम रहती है समाज में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के सिद्धांत में विश्वास रखने वाले ज्यादा होते हैं। शिक्षा का स्तर ऊंचा होता है तथा अहिंसा प्रेमी होते हैं। उस समाज का विकास निश्चित तौर पर होता है।आज ऐसी विडंबना है कि जहां अहिंसा धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी का जन्म,करम हुआ वही आज हिंसा सबसे ज्यादा बड़ी पावं पसार रही है। हिंसा के अनेकानेक प्रकार हैं जैसे दैहिक हिंसा, मानसिक हिंसा, भावनात्मक हिंसा,भौतिक हिंसा इत्यादि । हिंसा का बात सोचना भी हिंसा है अतः समाज को अपने अस्तित्व को बरकरार रखना है तो महावीर स्वामी के कृतित्व को उतारना होगा। अहिंसक प्रवृत्ति का विकास करना होगा ,शांति के मार्ग का अनुसरण करना होगा, हमने कभी भी वैसे व्यक्ति की प्रतिमा नहीं बनते देखा है जो हिंसा में विश्वास रखते थे, कितने भी प्रभावशाली अपराधी हो उसे मृत्यु के बाद याद नहीं किया जाता है । संहारक कि कभी भी पूजा नहीं होती है प्रतिपालक,दानी,ज्ञानी, विद्वान, सज्जन को सम्मान दिया जाता है। छात्रों के जीवन में राष्ट्र का प्रथम स्थान है नागरिकों को राष्ट्र को प्रथम वरियता देनी चाहिए । राज्य को दूसरी, समाज को तीसरी, उसके बाद परिवार तब स्वयं को वरीयता देनी है। बच्चे देश का भविष्य होते हैं अत: उन्हें ऐसे विषयों से अवगत कराने कि आवश्यकता है जो समाज के लिए सकारात्मक हो, बोधात्मक हो, विचारात्मक हो, नई दिशा देने वाला हो, अहिंसा का पाठ इसमें मुख्य भूमिका निभाती है यह उन सभी राज्यों खासकर बिहार जो महावीर स्वामी की जन्म स्थली है यहाँ के लिए अत्यावश्यक हो जाता है बिहार को और बहुत सारे महावीर स्वामी जैसे लोगों की आवश्यकता है जिनका सम्मान पूरे दुनिया करती है महात्मा बुध जैसे व्यक्तित्व जो सम्यक कर्म , आजीविका ज्ञान, एवं अहिंसा में विश्वास करते थे, बौद्ध धर्मावलंबी देश आज भी शान्ति, विकास के राह पर अग्रसर है खासकर खुशहाली के मानक पर देखा जाए तो अहिंसा में विश्वास रखने वाले देश सबसे ऊपर दिखेंगे। प्रेसित आलेख्य समस्तीपुर जिला के बिथान प्रखंड के मोरकाही निवासी सियाराम यादव पिता नंदे यादव की है जो पेशे से इंजीनियर एवं बिहार पुलिस सेवा के नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी हैं।