राजेश कुमार वर्मा\रविशंकर चौधरी अधिवक्ता
पटना ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । बिहार में १५ अगस्त से पहले ३०० के करीब अंचल इंस्पेक्टर के साथ ही थानाध्यक्ष हटाऐ जा सकते है और उनके स्थान पर नए पुलिस पदाधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता हैं। वैसे सरकार को अब थाने में थानेदारी के लिए पाक साफ दरोगा की तलाश पुलिस महकमे में की जा रही है लेकिन तलाशने पर भी इंस्पेक्टर तथा दरोगा स्तर के पदाधिकारी बिना आरोप वाले नहीं मिल रहे है । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर गृह विभाग द्वारा नया अध्यादेश के अनुसार १५ अगस्त से थाने में बेदाग छवि वाले दरोगा को ही थाने की कमान सौंपने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि जिन अधिकारियों पर गंभीर आरोप हो या विभागीय कार्रवाई चल रहा हो वैसे अफसरों को थानेदार के पद से विमुक्त करने को कहा है। गृह विभाग ने अस्पष्ट किया है कि किसी भी मामले के आरोपी को थानेदार नहीं बनाया जाएगा। लेकिन जानकारी के अनुसार बिहार में लगभग १५ - २० प्रतिशत पुलिस अधिकारियों पर कोई ना कोई आरोप न्यायालय में विचाराधीन है या विभागीय जांच चल रही है और आरोप के बाद भी कार्यरत है। ज्ञात हो की बिहार में १०७५ थाने एंव २२५ सहायक थाना ओपी है । जबकि बिहार में लगभग १४०० इंस्पेक्टर एंव ९००० दरोगा कार्यरत है । जानकारी के अनुसार बिहार में अब थानाध्यक्ष के अलावे ०२ अपर थानाध्यक्ष को मिलाकर करीब ३५०० इंस्पेक्टर और सब - इंस्पेक्टर चाहिए ।वर्तमान में इंस्पेक्टर एंव दरोगा जितने कार्यरत है उसमें से तकरीबन १५ - २० प्रतिशत दागी अफसर कहीं न कहीं है और कोई न कोई आरोप की जांच चल रही हैं। आपको बताते हैं कि बिहार में अभी बड़े तायदाद में ऐसे थानेदार थाने में पदस्थापित है जिनपर कई प्रकार की गंभीर आरोप विभागीय या न्यायिक जांच चल रही है और वे अपनी बादशाहत के बदौलत अपनी सेंटिग अपने मनपसंद जगहों पर करवाते है और थानेदार के पद पर कार्य कर रहे है। सरकार के इस अध्यादेश के फरमान जारी होने के बाद वैसे थानेदारों की नींद हराम हो गया है ।
पटना ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । बिहार में १५ अगस्त से पहले ३०० के करीब अंचल इंस्पेक्टर के साथ ही थानाध्यक्ष हटाऐ जा सकते है और उनके स्थान पर नए पुलिस पदाधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता हैं। वैसे सरकार को अब थाने में थानेदारी के लिए पाक साफ दरोगा की तलाश पुलिस महकमे में की जा रही है लेकिन तलाशने पर भी इंस्पेक्टर तथा दरोगा स्तर के पदाधिकारी बिना आरोप वाले नहीं मिल रहे है । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर गृह विभाग द्वारा नया अध्यादेश के अनुसार १५ अगस्त से थाने में बेदाग छवि वाले दरोगा को ही थाने की कमान सौंपने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि जिन अधिकारियों पर गंभीर आरोप हो या विभागीय कार्रवाई चल रहा हो वैसे अफसरों को थानेदार के पद से विमुक्त करने को कहा है। गृह विभाग ने अस्पष्ट किया है कि किसी भी मामले के आरोपी को थानेदार नहीं बनाया जाएगा। लेकिन जानकारी के अनुसार बिहार में लगभग १५ - २० प्रतिशत पुलिस अधिकारियों पर कोई ना कोई आरोप न्यायालय में विचाराधीन है या विभागीय जांच चल रही है और आरोप के बाद भी कार्यरत है। ज्ञात हो की बिहार में १०७५ थाने एंव २२५ सहायक थाना ओपी है । जबकि बिहार में लगभग १४०० इंस्पेक्टर एंव ९००० दरोगा कार्यरत है । जानकारी के अनुसार बिहार में अब थानाध्यक्ष के अलावे ०२ अपर थानाध्यक्ष को मिलाकर करीब ३५०० इंस्पेक्टर और सब - इंस्पेक्टर चाहिए ।वर्तमान में इंस्पेक्टर एंव दरोगा जितने कार्यरत है उसमें से तकरीबन १५ - २० प्रतिशत दागी अफसर कहीं न कहीं है और कोई न कोई आरोप की जांच चल रही हैं। आपको बताते हैं कि बिहार में अभी बड़े तायदाद में ऐसे थानेदार थाने में पदस्थापित है जिनपर कई प्रकार की गंभीर आरोप विभागीय या न्यायिक जांच चल रही है और वे अपनी बादशाहत के बदौलत अपनी सेंटिग अपने मनपसंद जगहों पर करवाते है और थानेदार के पद पर कार्य कर रहे है। सरकार के इस अध्यादेश के फरमान जारी होने के बाद वैसे थानेदारों की नींद हराम हो गया है ।