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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा 28 अगस्त से 8 सितंबर तक निकाले गए अभियान *"सफल व्यवसायी - सशक्त राष्ट्र"* का कार्यक्रम आयोजित


 राजेश कुमार वर्मा   
   समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा 28 अगस्त से 8 सितंबर तक निकाले गए अभियान *"सफल व्यवसायी - सशक्त राष्ट्र"का कार्यक्रम ताजपुर रोड स्थित शिव शक्ति भवन में आयोजित किया गया। जिसका दीप प्रज्ज्वलन द्वारा उद्घाटन हैदराबाद से आई ब्रह्माकुमारी अनिता बहन, मुम्बई से आई प्रीति बहन, डी. के. श्रीवास्तव, रमेश चांदना, सतीश चांदना, गिरधारी लाल अग्रवाल ने सामूहिक रूप से किया।
उक्त कार्यक्रम में हैदराबाद से आई हुई व्यापार व उद्योग प्रभाग की फैकल्टी ब्रह्माकुमारी अनिता बहन ने बताया कि वर्तमान समय हमें व्यापार में सफलता के शिखर पर पहुंचने के लिए विचारों का परिवर्तन समय के अनुसार करना पड़ेगा। जितनी तेजी से समय बदल रहा है, हमें भी अपने वैचारिक दृष्टिकोण को बदलना पड़ेगा तभी हम बहुआयामी सफलता को प्राप्त कर सकते हैं। और हमारी सफलता का संबंध समाज के हर वर्ग के साथ है। जब हम सफलता की चर्चा करते हैं तो इसका भाव है आर्थिक रूप से सफल होने के साथ-साथ पारिवारिक रूप से, सामाजिक रूप से, स्वास्थ्य के रूप से, चरित्र के रूप से भी हम सफल हों। हमारे व्यवहार, हमारे कर्मों से कस्टमर को एक अच्छा मैसेज मिलता है। जैसे पैसा कमाने पर हमारा ध्यान रहता है, ऐसे ही शांति भी कमाएँ, संबंधों में मधुरता भी कमाएँ। ये चीजें हमारे जीवन में सन्तुलन लाती हैं और शक्तियों में वृद्धि होती है, जिससे हमारी कार्य क्षमता बढ़ती है।
 वहीं मुंबई से पधारी प्रीति बहन ने कहा कि हम अपने व्यस्त जीवन में से कुछ समय मेडिटेशन के लिए निकालें, स्व चिंतन के लिए निकालें और देखें हमारा मन जितनी तेज गति से भाग रहा है तो गलत निर्णय तो नहीं कर रहा है। अपने विचारों को शांत बनाएँ और पुनः निरीक्षण कर पुनर्विचार कर विचारों को सकारात्मक बनाएं। इसके लिए राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करें जिससे हमारा मन शांत होगा, खुशनुमा होगा। हमारा व्यवसाय, हमारे संबंध और अच्छे होंगे। वहीं
कृष्ण भाई ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जितना हम धन की कमाई पर ध्यान देते हैं, उसमें से थोड़ा सा समय हम 21 जन्मों के लिए सुख-शान्ति-समृद्धि की कमाई के लिए निकालें, इससे हमारा वर्तमान और भविष्य दोनों श्रेष्ठ होगा, इसके लिए स्वयं परमात्मा द्वारा सिखाये जा रहे राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करें। उन्होंने कहा कि पैसा हमारे लिए है, हम पैसे के लिए नहीं। इसलिए सिर्फ पैसे के पीछे भागना व्यावसायिक जीवन की सम्पूर्ण सफलता नहीं है।
कार्यक्रम का लाभ पूरे जिले से आये 200 से ज्यादा व्यवसायियों ने लिया।
स्वागत भाषण सविता बहन ने किया। उक्त कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य रूप से मदन चांदना, बेबी चांदना, गिरधारी लाल अग्रवाल, आनन्द खेमका, पवन पंसारी, कृष्ण मुरारी बगड़िया, मानमल गुप्ता आदि मौजूद थे। 

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