राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा / समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ,दरभंगा के कुलपति शिक्षा माफिया के सामने घुटने टेक चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा गत अप्रैल 2018 को संबंध महाविद्यालय के अनुदान भुगतान करने हेतु कोषागार में राशि उपलब्ध करा दिया गया , लेकिन बिना नियम कानून के ही प्रिंसिपल व सचिव की मनमानी के कारण नियमानुसार वेतन पर्ची नहीं बनाकर विश्वविद्यालय दरभंगा को सौंपा है। जिसके कारण संबंध महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अनुदान राशि भुगतान नहीं हो सका है। जिसके कारण सम्बद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों के समक्ष आर्थिक स्थिति उत्पन्न हो गई है ।यही है सुशासन की सरकार की नियम और कायदा कानून जिसके कारण शिक्षकों को समय पर बकाया 2011 से 2017 तक का अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है , कैसे शिक्षा का विकास होगा। संपूर्ण व्यवस्था भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा हुआ है बिहार के सांसदों एवं विधायकों का यात्रा, भत्ता, वेतन, टेलीफोन एवं मोबाइल हेतु ससमय भुगतान होगा। लेकिन देश का भविष्य बनाने वालों को वेतन और अनुदान 7- 8 साल से नहीं मिला कैसा शासन है। राज्य सरकार एक केंद्र सरकार दोनों शिक्षा को चौपट करने की साजिश रचते नजर आ रहे हैं। मंदिर एवं मस्जिद निर्माण करने के लिए सरकारी राशि खर्च करते हैं। इधर सरकार द्वारा झंडा बुलंद करने के नाम पर राशि आवंटित किया जा रहा है लेकिन शिक्षकों के बकाए अनुदान राशि को लेकर चुप्प क्यों बने हुऐ है । समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा / समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ,दरभंगा के कुलपति शिक्षा माफिया के सामने घुटने टेक चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा गत अप्रैल 2018 को संबंध महाविद्यालय के अनुदान भुगतान करने हेतु कोषागार में राशि उपलब्ध करा दिया गया , लेकिन बिना नियम कानून के ही प्रिंसिपल व सचिव की मनमानी के कारण नियमानुसार वेतन पर्ची नहीं बनाकर विश्वविद्यालय दरभंगा को सौंपा है। जिसके कारण संबंध महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अनुदान राशि भुगतान नहीं हो सका है। जिसके कारण सम्बद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों के समक्ष आर्थिक स्थिति उत्पन्न हो गई है ।यही है सुशासन की सरकार की नियम और कायदा कानून जिसके कारण शिक्षकों को समय पर बकाया 2011 से 2017 तक का अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है , कैसे शिक्षा का विकास होगा। संपूर्ण व्यवस्था भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा हुआ है बिहार के सांसदों एवं विधायकों का यात्रा, भत्ता, वेतन, टेलीफोन एवं मोबाइल हेतु ससमय भुगतान होगा। लेकिन देश का भविष्य बनाने वालों को वेतन और अनुदान 7- 8 साल से नहीं मिला कैसा शासन है। राज्य सरकार एक केंद्र सरकार दोनों शिक्षा को चौपट करने की साजिश रचते नजर आ रहे हैं। मंदिर एवं मस्जिद निर्माण करने के लिए सरकारी राशि खर्च करते हैं। इधर सरकार द्वारा झंडा बुलंद करने के नाम पर राशि आवंटित किया जा रहा है लेकिन शिक्षकों के बकाए अनुदान राशि को लेकर चुप्प क्यों बने हुऐ है । समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा