राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । भाजपा ने भारत की जनता के साथ विगत चुनाव के मौके पर अपने घोषणा-पत्र में किये वादे के अनुरुप केन्द्र में सरकार बनाने के उपरान्त आज लद्दाख को अलग करने के साथ जम्मू और कश्मीर से धारा 35ए और 370 को हटाने का ऐतिहासिक काम किया, समस्त भारत जश्न मना रहा है और हमारे माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को यह सुहा नहीं रहा है ; जबकि भाजपा के साथ सरकार चला रहे हैं।वैसे तो आज की राजनेताओं में नैतिकता रह ही नहीं गई, फिर भी बिहार की जनता सुशासन बाबू से इस्तीफ़े की मांग कर रही है।यह बात अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के अध्यक्ष व शिक्षक नेता साहित्यकार डॉ परमानन्द लाभ ने एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा है।
अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा यह मामला बड़ा ही संवेदनशील है, फिर नीतीश जी की दोहरी चाल है कि सत्ता-सुख के लिए भाजपा के साथ हैं और व्यवहार में उनसे विलग हैं ।जब मतभेद है तो साथ कैसा ? जनता के साथ मुख्यमंत्री का एक छलावा है।जिस राजद के साथ गलबांहीं कर भाजपा का विरोध कर सत्ता में आये, फिर बहानाबाजी कर उसे छोड़ भाजपा को अपना भाग्य-विधाता बना लिया, आज भाजपा से अलग मत प्रगट करते हैं। आस्तीन का सांप वाली इनकी प्रकृति रही है। अपने घोषणा-पत्र और वादा से मुकर कर वित्तरहित शिक्षानीति को वज़ूद में रखकर, पटना हाई कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए तिकड़म केसहारे हजारों नियोजित शिक्षकों की प्रताड़ना कर बिहार की आनेवाली पीढ़ी को अशिक्षित बनाये रखने की योजना पर काम कर रहे हैं।शिक्षक राष्ट्र-निर्माता हैं, जबकि नीतीशजी जनविरोधी।इन्हीं कतिपय बातों के मध्यनज़र डॉ लाभ ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश बाबू से देश, विशेष कर बिहार की जनता के हित में इस्तीफ़े की मांग की है, साथ ही अपने दल के सांसदों से त्यागपत्र देने की सलाह दे कर मूल्यों की राजनीति को स्थापित करने की सलाह दी है।
कवि, लेखक व पत्रकार डॉ लाभ के उक्त विचारों का समर्थन करते हुए जिला प्रगति लेखक संघ, राष्ट्रीय मैथिली शिक्षक संघ, मिथिला पार्टी और मानवाधिकार संरक्षण संगठन सहित कई संस्थाओं और इन संगठनों के लोगों ने मुख्यमंत्री के जनविरोधी व अहंकारी कार्यशैली पर आक्रोश व्यक्त किया है।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । भाजपा ने भारत की जनता के साथ विगत चुनाव के मौके पर अपने घोषणा-पत्र में किये वादे के अनुरुप केन्द्र में सरकार बनाने के उपरान्त आज लद्दाख को अलग करने के साथ जम्मू और कश्मीर से धारा 35ए और 370 को हटाने का ऐतिहासिक काम किया, समस्त भारत जश्न मना रहा है और हमारे माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को यह सुहा नहीं रहा है ; जबकि भाजपा के साथ सरकार चला रहे हैं।वैसे तो आज की राजनेताओं में नैतिकता रह ही नहीं गई, फिर भी बिहार की जनता सुशासन बाबू से इस्तीफ़े की मांग कर रही है।यह बात अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के अध्यक्ष व शिक्षक नेता साहित्यकार डॉ परमानन्द लाभ ने एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा है।
अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा यह मामला बड़ा ही संवेदनशील है, फिर नीतीश जी की दोहरी चाल है कि सत्ता-सुख के लिए भाजपा के साथ हैं और व्यवहार में उनसे विलग हैं ।जब मतभेद है तो साथ कैसा ? जनता के साथ मुख्यमंत्री का एक छलावा है।जिस राजद के साथ गलबांहीं कर भाजपा का विरोध कर सत्ता में आये, फिर बहानाबाजी कर उसे छोड़ भाजपा को अपना भाग्य-विधाता बना लिया, आज भाजपा से अलग मत प्रगट करते हैं। आस्तीन का सांप वाली इनकी प्रकृति रही है। अपने घोषणा-पत्र और वादा से मुकर कर वित्तरहित शिक्षानीति को वज़ूद में रखकर, पटना हाई कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए तिकड़म केसहारे हजारों नियोजित शिक्षकों की प्रताड़ना कर बिहार की आनेवाली पीढ़ी को अशिक्षित बनाये रखने की योजना पर काम कर रहे हैं।शिक्षक राष्ट्र-निर्माता हैं, जबकि नीतीशजी जनविरोधी।इन्हीं कतिपय बातों के मध्यनज़र डॉ लाभ ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश बाबू से देश, विशेष कर बिहार की जनता के हित में इस्तीफ़े की मांग की है, साथ ही अपने दल के सांसदों से त्यागपत्र देने की सलाह दे कर मूल्यों की राजनीति को स्थापित करने की सलाह दी है।
कवि, लेखक व पत्रकार डॉ लाभ के उक्त विचारों का समर्थन करते हुए जिला प्रगति लेखक संघ, राष्ट्रीय मैथिली शिक्षक संघ, मिथिला पार्टी और मानवाधिकार संरक्षण संगठन सहित कई संस्थाओं और इन संगठनों के लोगों ने मुख्यमंत्री के जनविरोधी व अहंकारी कार्यशैली पर आक्रोश व्यक्त किया है।