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सावन में 14 दिनों तक चलने वाला मिथिला का प्रसिद्ध पर्व मधुश्रावणी शनिवार को टेमी दागने सुहाग सामग्री बांटने के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर शहर में कई स्थानों पर व्रती महिलाओं ने शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना की और सुहाग की लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगा। व्रतियों को महिला पंडित ने कथा भी सुनाई।
यह है मान्यता मिथिलांचल के पुपरी में कथा सुनाने आई महिला पंडित राणी ने बताया कि टेमी रूई से बनी बाती होती है। इसे गर्म कर नवविवाहिता के घुटने को आठ बार दागा जाता है। घुटने पर फफोले होना शुभ माना जाता है। पर्व के अंतिम दिन नवविवाहिता के पति भी पूजा के दौरान उपस्थित रहते हैं। जानकारी यह व्रत मिथिलांचल की नवविवाहिताएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। 14 दिनों तक चलने वाले इस व्रत में प्रतिदिन महिलाओं को अलग-अलग कथा सुनाई जाती है। सभी कथाएं भगवान शिव के विवाह से जुड़ी होती हैं। यह पर्व ससुराल पक्ष से आए अन्न एवं वस्त्र का होता है प्रयोग। महिला पंडित संपन्न करवाती है पूजा। लोक कथाओं के माध्यम से दिया जाता है संदेश। बावजूद इसमें शामिल होते हैं पति। अंतिम दिन टेमी दागने और सिंदूर-दान की है परंपरा।