पप्पू कुमार पूर्वे पत्रकार
मधुबनी के डी बी महाविद्यालय,जयनगर एवं जयनगर चैंबर ऑफ कमर्स के संयुक्त तत्त्वावधान में "वस्तु एवं सेवा कर एक सरलीकृत कर प्रणाली : चुनौतियाँ एवं समाधान" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता प्रो० (डॉ०) अजित कुमार सिंह, ललित नारायण मिथिला विवि दरभंगा के पूर्व कुलसचिव ने की। श्री सिंह ने छोटे टेक्स पेयर के बारे में चिंता को सामने रखा। परन्तु साथ ही साथ उन्होंने जी० एस० टी० को डिक्रिस ऑफ इंफ्लेसन और डिक्रिस ऑफ करप्शन का भी रास्ता बताया।
इस आयोजन में एक्चुअल एम्प्लीमेंटशन ऑफ जी० एस० टी० की समस्या को इसके सबसे बड़े चुनौती के रूप में रखा तथा इसके समाधान के लिए केंद्र एवं राज्य के बीच समन्वय के साथ साथ पर्याप्त प्रशिक्षण को इसका समाधान बतलाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो० (डॉ०) एच० के० सिंह रहे ने जी० एस० टी० के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता प्रो० बी० बी० एल० दास जी (पूर्व अधिष्ठाता वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय ल० न० मि० वि० वि०) ने वस्तु एवं सेवा कर की मौलिकता पर बहुत ही गहराई से प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को बताया। इसके साथ ही उन्होंने इसके अंदर निहित समस्याओं को भी रखा।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे श्रीमान अनिल कुमार बैरोलिया जी ने जी० इस० टी० के डिजिटलीकरण को लेकर होने वाले प्रारंभिक समस्याओं को देखते हुए इसके अलग आयाम पर चर्चा की, एवं इस दिशा में हो रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
वि० वि० के सी०सी०डी०सी० प्रो० (डॉ०) मुनेश्वर यादव जी ने जी० एस० टी० के संसदीय पद्धिति एवं इसके एवं इसके कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान की।
इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलने के लिये महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक जिनमें प्रो० (डॉ०) विमलेंदु मिश्र, डॉ० संजय कुमार, डॉ० संजय पासवान, डॉ० अवध बिहारी यादव, डॉ० सुनील कुमार सुमन, डॉ० रमण कुमार ठाकुर, डॉ० नरेश कुमार सिंह, डॉ० रंजना, डॉ० आनंद कुंवर, डॉ० मिन्हाजुद्दीन, श्री अखिलेश कुमार सिंह, डॉ० अनंतेश्वर कुमार यादव, डॉ० कुमार सोनू शंकर ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके साथ ही महाविद्यालय के अन्य सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने लगातार इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस आयोजन के सचिव रहे डॉ० शैलेश कुमार सिंह ने अपने अथक प्रयासों से लगातार दिन रात एक करते हुए कार्यक्रम को कराया जिसमें महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ० नंद कुमार जी ने कदम से कदम मिलते हुए वस्तु एवं सेवा कर की मौलिकता के रेखांकित करने वाले इस सेमिनार का आयोजन करवाया। इस सेमिनार में विभिन्न राज्यो के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से आये विद्वानों ने अपने अपने गहन विचार रखे।
मधुबनी के डी बी महाविद्यालय,जयनगर एवं जयनगर चैंबर ऑफ कमर्स के संयुक्त तत्त्वावधान में "वस्तु एवं सेवा कर एक सरलीकृत कर प्रणाली : चुनौतियाँ एवं समाधान" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता प्रो० (डॉ०) अजित कुमार सिंह, ललित नारायण मिथिला विवि दरभंगा के पूर्व कुलसचिव ने की। श्री सिंह ने छोटे टेक्स पेयर के बारे में चिंता को सामने रखा। परन्तु साथ ही साथ उन्होंने जी० एस० टी० को डिक्रिस ऑफ इंफ्लेसन और डिक्रिस ऑफ करप्शन का भी रास्ता बताया।
इस आयोजन में एक्चुअल एम्प्लीमेंटशन ऑफ जी० एस० टी० की समस्या को इसके सबसे बड़े चुनौती के रूप में रखा तथा इसके समाधान के लिए केंद्र एवं राज्य के बीच समन्वय के साथ साथ पर्याप्त प्रशिक्षण को इसका समाधान बतलाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो० (डॉ०) एच० के० सिंह रहे ने जी० एस० टी० के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता प्रो० बी० बी० एल० दास जी (पूर्व अधिष्ठाता वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय ल० न० मि० वि० वि०) ने वस्तु एवं सेवा कर की मौलिकता पर बहुत ही गहराई से प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को बताया। इसके साथ ही उन्होंने इसके अंदर निहित समस्याओं को भी रखा।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे श्रीमान अनिल कुमार बैरोलिया जी ने जी० इस० टी० के डिजिटलीकरण को लेकर होने वाले प्रारंभिक समस्याओं को देखते हुए इसके अलग आयाम पर चर्चा की, एवं इस दिशा में हो रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
वि० वि० के सी०सी०डी०सी० प्रो० (डॉ०) मुनेश्वर यादव जी ने जी० एस० टी० के संसदीय पद्धिति एवं इसके एवं इसके कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान की।
इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलने के लिये महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक जिनमें प्रो० (डॉ०) विमलेंदु मिश्र, डॉ० संजय कुमार, डॉ० संजय पासवान, डॉ० अवध बिहारी यादव, डॉ० सुनील कुमार सुमन, डॉ० रमण कुमार ठाकुर, डॉ० नरेश कुमार सिंह, डॉ० रंजना, डॉ० आनंद कुंवर, डॉ० मिन्हाजुद्दीन, श्री अखिलेश कुमार सिंह, डॉ० अनंतेश्वर कुमार यादव, डॉ० कुमार सोनू शंकर ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके साथ ही महाविद्यालय के अन्य सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने लगातार इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस आयोजन के सचिव रहे डॉ० शैलेश कुमार सिंह ने अपने अथक प्रयासों से लगातार दिन रात एक करते हुए कार्यक्रम को कराया जिसमें महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ० नंद कुमार जी ने कदम से कदम मिलते हुए वस्तु एवं सेवा कर की मौलिकता के रेखांकित करने वाले इस सेमिनार का आयोजन करवाया। इस सेमिनार में विभिन्न राज्यो के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से आये विद्वानों ने अपने अपने गहन विचार रखे।