राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा/मधुबनी ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । मधुबनी निवासी आचार्य पंकज झा शास्त्री कहते है की
एक पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार देवी शक्ति है और शक्ति के बिना सब कुछ असंभव है।
भगवान श्री कृष्ण योग योगेश्वर है तो भगवती योगमाया। इनकी साधना भुक्ती और मुक्ति दोनों ही प्रदान करने बाली है। इसी योगमाया के प्रभाव से समस्त जगत आवृत है जगत में जो कुछ दिख रहा है यह सब योग माया की ही माया है।
योग माया का जन्म माता यशोदा के गर्भ से हुआ था। इनके जन्म के समय यशोदा माता गहरी निद्रा में थी और उन्होंने इस बालिका को नहीं देखा था। इधर कारागार में देवकी के आठवें पुत्र जन्म लेने के बाद बासुदेव ने उन्हें नंद के यहां यशोदा के पास लिटा दिया जिसके बाद यशोदा के आंख खुलने के बाद अपने पास पुत्र को पाया। बासुदेव उस बालिका को लेकर मथुरा चले आए और जब कंस ने उस बालिका को मारना चाहा तो वह हाथ से छूट कर आकाशवाणी कि हे कंस तुम्हारे वध के लिए श्री कृष्ण जन्म ले चुके है।
भगवान कृष्ण और योग माया का संबंध भाई बहन का है। योग माया को कृष्णानुजा के नाम से भी जाना जाता है। योगमाया के कारण ही श्री कृष्ण ने बड़े बड़े असुरों को संघार किए।
योग माया की निष्ठा पूर्वक पूजा अर्चना करने से कई संकष्टो का नाश होना संभव हो जाता है।
पंकज झा शास्त्री
9576281913
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