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तनख्वाहह नहीं मिल पाने के कारण मदरसा शिक्षकों की नहीं मन पाई ईद और बकरीद - बेदारी कारवाँ



राजेश कुमार वर्मा/जा़हिद अनवर राजू

पटना/दरभंगा ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । दरभंगा जिला शिक्षा कार्यालय में कार्यरत रमण कुमार खुद को दरभंगा जिलाधिकारी से ऊपर बताते हैं और रमण कहते हैं कि उन्हीं की कमाई से दरभंगा जिलाधिकारी पलते हैं। मदरसा बोर्ड के शिक्षकों को 6 माह से तनख्वाह नहीं मिली है। यही कारण है कि मदरसे के मौलवियों की नहीं मन पाई ईद और बकरीद। राशन वाले, दुध वाले और बच्चों की स्कूल फिस बकाया होने के कारण मदरसा शिक्षक परेशान बने हुए हैं और भुखमरी की कगार को पहुंच चुके हैं। लग-भग विभाग के पदाधिकारी सरकार और जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। सरकार के सारे हवा हवाई दावे को अल्पसंख्यक समुदाय खूब समझ रहे हैं। नीतीश कुमार की सरकार अल्पसंख्यक विरोधी नीति पर काम कर रही है, इतना ही नहीं नीतीश जी सिर्फ दिखावा और हवा हवाई एलान करके अल्पसंख्यकों को मूर्ख बना रहे हैं विकास के नाम पर। समझा जा सकता है कि जिस मदरसा शिक्षकों को 6-6 माह तंखाह नहीं मिलेगी वह परिवार कैसे चलायगा। दरभंगा जिला शिक्षा कार्यालय में नीतीश सरकार और दरभंगा जिलाधिकारी के सारे आदेशों की रमण और जिला शिक्षा अधिकारी खुलेआम उङा रहे हैं धज्जियां। गलत लेटर जारी कर जिला शिक्षा कार्यालय से यह बताया गया है कि सभी मदरसे के शिक्षकों को तंखाह दे दिया गया है जबकि जिला के 814 मदरसे में सिर्फ 18 मदरसे के शिक्षकों को मात्र एक माह का तंखाह दिया गया है वह भी उसी मदरसे के शिक्षकों को तनख्वाह दिया गया है जो यूनियन के लोगों के द्वारा रमण कुमार और जिला शिक्षा अधिकारी को रिश्वत की राशि पहुंचाए हैं।

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