संगीत के फलक पर छायी विघापतिनगर की भवानी
राजकीय श्रावणी मेला में बनीं ब्रांड एम्बेसडर
अपनी भक्तिमय प्रस्तुतियों से शिव भक्तों का कर रही भरपूर मनोरंजन
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज )हौसला बुलंद हो तो मंजिल तक पहुंचने में कामयाबी मिल ही जाती है। प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। इसे सही साबित किया है ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी बच्ची भवानी शेखर ने। प्रखंड अंतर्गत बढौना गांव निवासी हिमांशु शेखर की पुत्री भवानी ने छोटी उम्र में गायिकी के क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिये हैं। स्वर लहरियों को आत्मसात कर भवानी शेखर संगीत के क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही है।देवघर जिला प्रशासन (झारखण्ड) के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा आयोजित राजकीय श्रावणी मेला के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भवानी शेखर को ब्रांड एम्बेसडर व यूथ आइकॉन बनाया गया है।वे इन दिनों मेला शिविरों में अपनी संगीत कला के जरिए न केवल शिवभक्त कांवरियां श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर रही है बल्कि अन्य कलाकारों का प्रेरणास्रोत बनी हुई है। शिक्षाविद राम निहोरा राय अपनी पौत्री भवानी शेखर के बारे में बताते हैं कि संगीत के क्षेत्र में बचपन से ही रूचि रही है।पढाई के साथ-साथ बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में वे विभिन्न जिला व राज्य स्तर पर आयोजित सांस्कृतिक गतिविधियों में अपनी उपस्थिति से सफलता का परचम लहराकर कई पुरस्कार भी जीते हैं।हर सांस्कृतिक कार्यक्रम चाहे जिला प्रशासन का कार्यक्रम हो या जिला स्थापना दिवस।भवानी ने सभी कार्यक्रमों में अपने संगीत का जादू बिखेर खूब सुर्खियां बटोरी हैं।
फिलहाल भवानी शेखर देवघर (झारखंड) में ही पढाई कर रही है।दसवीं की छात्रा भवानी पढ़ाई के साथ - साथ अपने सपने को साकार करने का लए संगीत साधना में जुटी हुई हैं। फिलवक्त मां संगीतालय देवघर से संगीत की शिक्षा प्राप्त रही भवानी गुरु कोलकाता निवासी प्रतीक चक्रवर्ती बताते हैं कि भवानी बहुत अच्छा गाती है। एक दिन संगीत के क्षेत्र में काफी ऊंचाई तक पहुंचेगी।भवानी शेखर ने बताया कि संगीत ही उनके जीवन की साधना है।