राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज / डेली हंट न्यूज ) । किसानों के लिए पटवन की आवश्यकताओं को देखते हुए स्लुइस गेट खोलने के निर्देश को लेकर समस्तीपुर के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार कक्ष में स्लुइस गेट खोलने को लेकर अधिकारियों की कार्य समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया।उक्त बैठक में प्रखंड प्रमुख रोषड़ा कृष्ण कन्हैया , पंचायत समिति सदस्य , रोषड़ा मुखिया ग्राम पंचायत राज शिवाजीनगर के स्थानीय जनता द्वारा शिवाजीनगर प्रखंड अन्तर्गत ग्राम कोल्लहट्टा में ४४वें किलोमीटर पर अवस्थित करेह नदी में स्लुइस गेट का फाटक खोलकर पानी महिसर चौर में लाने का विचार विमर्श किया गया। दोनों पक्षों के विचार विमर्श के आलोक में कार्यपालक अभियंता बाढ़ प्रमण्डल हथौड़ी का कहना है की फाटक खोलने से चौर के पश्चिमी भाग में फसल की क्षति होगी । जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी से फाटक खोलने से फसल क्षति / लाभ होने से संवंधित प्रतिवेदन दो दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ।
उक्त बैठक में जिलाधिकारी को सम्बोधित करते हुऐ कार्यपालक अभियंता, समस्तीपुर के द्वारा बताया गया की बुढ़ी गंडक नदी पर वर्तमान में दो गेट चकनुर एंव बेगमपुर की स्लुइस गेट खुला हुआ है। जिससे पानी किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है । इसके अतिरिक्त किसी अन्य फाटक को खोलने हेतु किसानों द्वारा मांग नहीं किया गया है । उपरोक्त कथन पर जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि अनुमंडल पदाधिकारी समस्तीपुर इसका अनुश्रवण करेंगे साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी अपने स्तर से भी अनुश्रवण करेंगे तथा प्रतिदिन संध्या में प्रतिवेदन देंगे कि इस गेट को खुलने से कितने किसानों द्वारा खरीफ फसलों का आच्छादन हुआ । उक्त बैठक में कार्यपालक अभियंता रोषड़ा के द्वारा बताया गया कि बुढ़ी गंडक नदी पर अवस्थित त्रिमुहानी गेट वर्तमान में खुला हुआ है , जिससे पानी बागमती नदी में जा रही हैं । इसके अतिरिक्त वर्तमान में किसी भी स्लुइस गेट को खोलना उचित प्रतीत नहीं होगा क्योंकि नरहन एंव महथी स्लुइस गेट खोलने से आवासीय क्षेत्र में पानी फैलने की संभावना बन जाती हैं । कार्यपालक अभियंता के उक्त कथन पर अनुमंडल पदाधिकारी रोषड़ा ने भी इस बिन्दु पर अपनी सहमति जताया । आगे उक्त बैठक में कार्यपालक अभियंता रोषड़ा ने बताया गया कि बलान नदी जो लगभग मृतप्राय हो गई हैं , बुढ़ी गंडक नदी से पानी लाने के लिए स्लुइस गेट खोला गया है । स्लुइस गेट खोलने से बलान नदी में पानी प्रवेश कर रहा हैं । उपरोक्त बिन्दुओं पर समीक्षा करते हुऐ जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि पानी का स्तर कम होने पर स्लुइस गेट को बंद कर दिया जाए ताकि पानी बलान नदी से पुनः बुढ़ी गंडक नदी में वापस नहीं आ सके । उक्त बैठक में कार्यपालक अभियंता दलसिंहसराय द्वारा बताया गया कि वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर काफी नीचे है । स्लुइस गेट खोलने से कहीं भी पानी नहीं जा सकता है । उक्त बैठक में शामिल दरभंगा जिले के कार्यपालक अभियंता दरभंगा द्वारा बताया गया कि इसके क्षेत्रान्तर्गत ०६ स्लुइस गेट है । उनके कथनानुसार हर जगह पानी है इसलिए स्लुइस गेट खोलने की आवश्यकता नहीं है । समीक्षा के क्रम में एक बाते सामने आई है कि जमुआरी नदी विगत २०-२५ वर्षों से सुखी हुई है , उसमें पानी नहीं आने का मुख्य कारण यह है कि पूर्व में बुढ़ी गंडक नदी के ढ़ोली ( मुजफ्फरपुर जिला ) स्थित स्लुइस गेट से उसमे पानी आता था परन्तु विगत वर्षों में ढ़ोली स्लुइस गेट के पास गाद जमा हो जाने के कारण पानी स्लुइस गेट तक नहीं पहुंच पाता है । अगर स्लुइस गेट के नजदीक के गाद को हटा दिया जाऐ तो जमुआरी नदी को पुनर्जीवित किया जा सकता है। उपरोक्त संवाद जिला जन-सम्पर्क कार्यालय समस्तीपुर द्वारा प्रेस विज्ञप्ति इलेक्ट्रॉनिक संवाद के माध्यम प्रकाशनार्थ प्रेस को भेजा है ।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज / डेली हंट न्यूज ) । किसानों के लिए पटवन की आवश्यकताओं को देखते हुए स्लुइस गेट खोलने के निर्देश को लेकर समस्तीपुर के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार कक्ष में स्लुइस गेट खोलने को लेकर अधिकारियों की कार्य समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया।उक्त बैठक में प्रखंड प्रमुख रोषड़ा कृष्ण कन्हैया , पंचायत समिति सदस्य , रोषड़ा मुखिया ग्राम पंचायत राज शिवाजीनगर के स्थानीय जनता द्वारा शिवाजीनगर प्रखंड अन्तर्गत ग्राम कोल्लहट्टा में ४४वें किलोमीटर पर अवस्थित करेह नदी में स्लुइस गेट का फाटक खोलकर पानी महिसर चौर में लाने का विचार विमर्श किया गया। दोनों पक्षों के विचार विमर्श के आलोक में कार्यपालक अभियंता बाढ़ प्रमण्डल हथौड़ी का कहना है की फाटक खोलने से चौर के पश्चिमी भाग में फसल की क्षति होगी । जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी से फाटक खोलने से फसल क्षति / लाभ होने से संवंधित प्रतिवेदन दो दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ।
उक्त बैठक में जिलाधिकारी को सम्बोधित करते हुऐ कार्यपालक अभियंता, समस्तीपुर के द्वारा बताया गया की बुढ़ी गंडक नदी पर वर्तमान में दो गेट चकनुर एंव बेगमपुर की स्लुइस गेट खुला हुआ है। जिससे पानी किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है । इसके अतिरिक्त किसी अन्य फाटक को खोलने हेतु किसानों द्वारा मांग नहीं किया गया है । उपरोक्त कथन पर जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि अनुमंडल पदाधिकारी समस्तीपुर इसका अनुश्रवण करेंगे साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी अपने स्तर से भी अनुश्रवण करेंगे तथा प्रतिदिन संध्या में प्रतिवेदन देंगे कि इस गेट को खुलने से कितने किसानों द्वारा खरीफ फसलों का आच्छादन हुआ । उक्त बैठक में कार्यपालक अभियंता रोषड़ा के द्वारा बताया गया कि बुढ़ी गंडक नदी पर अवस्थित त्रिमुहानी गेट वर्तमान में खुला हुआ है , जिससे पानी बागमती नदी में जा रही हैं । इसके अतिरिक्त वर्तमान में किसी भी स्लुइस गेट को खोलना उचित प्रतीत नहीं होगा क्योंकि नरहन एंव महथी स्लुइस गेट खोलने से आवासीय क्षेत्र में पानी फैलने की संभावना बन जाती हैं । कार्यपालक अभियंता के उक्त कथन पर अनुमंडल पदाधिकारी रोषड़ा ने भी इस बिन्दु पर अपनी सहमति जताया । आगे उक्त बैठक में कार्यपालक अभियंता रोषड़ा ने बताया गया कि बलान नदी जो लगभग मृतप्राय हो गई हैं , बुढ़ी गंडक नदी से पानी लाने के लिए स्लुइस गेट खोला गया है । स्लुइस गेट खोलने से बलान नदी में पानी प्रवेश कर रहा हैं । उपरोक्त बिन्दुओं पर समीक्षा करते हुऐ जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि पानी का स्तर कम होने पर स्लुइस गेट को बंद कर दिया जाए ताकि पानी बलान नदी से पुनः बुढ़ी गंडक नदी में वापस नहीं आ सके । उक्त बैठक में कार्यपालक अभियंता दलसिंहसराय द्वारा बताया गया कि वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर काफी नीचे है । स्लुइस गेट खोलने से कहीं भी पानी नहीं जा सकता है । उक्त बैठक में शामिल दरभंगा जिले के कार्यपालक अभियंता दरभंगा द्वारा बताया गया कि इसके क्षेत्रान्तर्गत ०६ स्लुइस गेट है । उनके कथनानुसार हर जगह पानी है इसलिए स्लुइस गेट खोलने की आवश्यकता नहीं है । समीक्षा के क्रम में एक बाते सामने आई है कि जमुआरी नदी विगत २०-२५ वर्षों से सुखी हुई है , उसमें पानी नहीं आने का मुख्य कारण यह है कि पूर्व में बुढ़ी गंडक नदी के ढ़ोली ( मुजफ्फरपुर जिला ) स्थित स्लुइस गेट से उसमे पानी आता था परन्तु विगत वर्षों में ढ़ोली स्लुइस गेट के पास गाद जमा हो जाने के कारण पानी स्लुइस गेट तक नहीं पहुंच पाता है । अगर स्लुइस गेट के नजदीक के गाद को हटा दिया जाऐ तो जमुआरी नदी को पुनर्जीवित किया जा सकता है। उपरोक्त संवाद जिला जन-सम्पर्क कार्यालय समस्तीपुर द्वारा प्रेस विज्ञप्ति इलेक्ट्रॉनिक संवाद के माध्यम प्रकाशनार्थ प्रेस को भेजा है ।