राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । समस्तीपुर जिले के गुदरी बाजार निवासी जे० पी ० सेनानी सुबोध कुमार प्रसाद ने मिथिला हिन्दी न्यूज बेव पोर्टल व मीडिया दर्शन हिन्दी दैनिक समाचारपत्र के कार्यालय को तत्कालीन माननीय मुख्य न्यायमूर्ति जे० एन० भट्ट पटना उच्च न्यायालय पटना को ३० अगस्त २००७ में मृतक शंकर प्रसाद गुप्ता द्वारा भेजे गए शिकायत पत्र की प्रति देते हुऐ कहा की मृतक माननीय न्यायमूर्ति से न्याय की आस लगाऐ हुऐ ही स्वर्गवास हो गया लेकिन आजतक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल सका है । ताज्जुब की बात है की मृतक ने शपथपत्र सं० ३३९०-२२ अगस्त ०७ के साथ वीणा गुप्ता पति राधा नंदन गुप्ता वो राधा नंदन गुप्ता पिता स्व० सुखदेव साह निवासी गुदरी बाजार चौक अन्दर टाउन समस्तीपुर सहित बुद्धू साह , तत्कालीन जिलाधिकारी डा० एन० श्रवण कुमार समस्तीपुर , अनुमंडल पदाधिकारी विश्वनाथ ठाकुर , नगर थाना समस्तीपुर के पुलिस निरीक्षक सह थानाप्रभारी के० जी० वर्मा , आयुक्त दरभंगा , आरक्षी अधीक्षक समस्तीपुर सुरेन्द्र लाल दास , आरक्षी उप महानिरीक्षक दरभंगा , अंचलाधिकारी पारितोष कुमार सहित मुख्यमंत्री बिहार सरकार नीतीश कुमार को आरोपी बनाते हुए उच्च न्यायालय में अपराधिक याचिका वर्ष २००७ में ही दर्ज कराया । जिसमें मृतक शंकर प्रसाद गुप्ता ने आरोप लगाते हुऐ न्यायालय को बताया कि मैं एक गरीब चाय दुकानदार हूं मेरा आवासीय मकान गुदरी बाजार में बहुत पुराना बना हुआ हैं । खेसरा सं० ६१४ , ६२५ , ६२६ ( मी ० ) ०८ घर खरीदगी है जिसमें खेसरा ६१४ का दो घर में पश्चिम और उत्तर से रास्ता , हवा , रोशनी , गली के लिए छोड़ी गई थी । आगे उन्होंने बताया की आरोपी सं० ०१ व ०२ के द्वारा जिला प्रशासन के पूर्व के अंचल पदाधिकारी व पूर्व के नगर पुलिस अधीक्षक को मैनेज कर घर की खिड़की की हवा , रोशनी , रास्ता बन्द कर दिया । जिसकी नालिसी फाईल किऐ हुऐ आज १३ वर्ष बितने को आ गया लेकिन एक अदद छोटा सा काम खिड़की की हवा , रोशनी , रास्ते को खुलवाने का प्रयास करने की जोहमत किसी ने नहीं किया है । मृत्तोपरांत मृत्तक के परिवार न्यायालय से न्याय की आस लगाऐ न्यायालय का दरबाजा आज तक खटखटा रहा हैं ।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । समस्तीपुर जिले के गुदरी बाजार निवासी जे० पी ० सेनानी सुबोध कुमार प्रसाद ने मिथिला हिन्दी न्यूज बेव पोर्टल व मीडिया दर्शन हिन्दी दैनिक समाचारपत्र के कार्यालय को तत्कालीन माननीय मुख्य न्यायमूर्ति जे० एन० भट्ट पटना उच्च न्यायालय पटना को ३० अगस्त २००७ में मृतक शंकर प्रसाद गुप्ता द्वारा भेजे गए शिकायत पत्र की प्रति देते हुऐ कहा की मृतक माननीय न्यायमूर्ति से न्याय की आस लगाऐ हुऐ ही स्वर्गवास हो गया लेकिन आजतक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल सका है । ताज्जुब की बात है की मृतक ने शपथपत्र सं० ३३९०-२२ अगस्त ०७ के साथ वीणा गुप्ता पति राधा नंदन गुप्ता वो राधा नंदन गुप्ता पिता स्व० सुखदेव साह निवासी गुदरी बाजार चौक अन्दर टाउन समस्तीपुर सहित बुद्धू साह , तत्कालीन जिलाधिकारी डा० एन० श्रवण कुमार समस्तीपुर , अनुमंडल पदाधिकारी विश्वनाथ ठाकुर , नगर थाना समस्तीपुर के पुलिस निरीक्षक सह थानाप्रभारी के० जी० वर्मा , आयुक्त दरभंगा , आरक्षी अधीक्षक समस्तीपुर सुरेन्द्र लाल दास , आरक्षी उप महानिरीक्षक दरभंगा , अंचलाधिकारी पारितोष कुमार सहित मुख्यमंत्री बिहार सरकार नीतीश कुमार को आरोपी बनाते हुए उच्च न्यायालय में अपराधिक याचिका वर्ष २००७ में ही दर्ज कराया । जिसमें मृतक शंकर प्रसाद गुप्ता ने आरोप लगाते हुऐ न्यायालय को बताया कि मैं एक गरीब चाय दुकानदार हूं मेरा आवासीय मकान गुदरी बाजार में बहुत पुराना बना हुआ हैं । खेसरा सं० ६१४ , ६२५ , ६२६ ( मी ० ) ०८ घर खरीदगी है जिसमें खेसरा ६१४ का दो घर में पश्चिम और उत्तर से रास्ता , हवा , रोशनी , गली के लिए छोड़ी गई थी । आगे उन्होंने बताया की आरोपी सं० ०१ व ०२ के द्वारा जिला प्रशासन के पूर्व के अंचल पदाधिकारी व पूर्व के नगर पुलिस अधीक्षक को मैनेज कर घर की खिड़की की हवा , रोशनी , रास्ता बन्द कर दिया । जिसकी नालिसी फाईल किऐ हुऐ आज १३ वर्ष बितने को आ गया लेकिन एक अदद छोटा सा काम खिड़की की हवा , रोशनी , रास्ते को खुलवाने का प्रयास करने की जोहमत किसी ने नहीं किया है । मृत्तोपरांत मृत्तक के परिवार न्यायालय से न्याय की आस लगाऐ न्यायालय का दरबाजा आज तक खटखटा रहा हैं ।