राजेश कुमार वर्मा/राजकुमार राय
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । समस्तीपुर जिला जनसंपर्क कार्यालय के भ्रष्टाचारी रवैये काली करतूतों के कारण समस्तीपुर के पत्रकारों में गहरा आक्रोश व्याप्त है ।
जानकारी के मुताबिक विगत 3 वर्षों से बनकर तैयार समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन के उद्घाटन के अवसर पर अधिकांश पत्रकारों को सूचना आमंत्रण नहीं दिए जाने के कारण जिले के विभिन्न पत्रकारों को जिला जनसंपर्क कार्यालय के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है ।
समस्तीपुर के पत्रकारों एवं स्थानीय समाचार पत्र के संपादको ने जिला जनसंपर्क कार्यालय समस्तीपुर के क्रियाकलापों की जांच कराने की मांग की है ।
जिला जनसंपर्क कार्यालय समस्तीपुर ने विगत कई वर्षों से आम लोगों के बैठ कर समाचार पढ़ने वाले कक्ष में दूसरे विभाग को भाड़े पर दिए जाने को लेकर भी नाराजगी देखा जा रहा है । आज 15 अगस्त के अवसर पर समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन के उद्घाटन चुपके चुपके किए जाने की भी निंदा की गई है । उल्लेखनीय है कि समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन का अंतरंग हस्तांतरण नहीं किए जाने को लेकर भी समस्तीपुर के पत्रकारों में काफी आक्रोश देखा जा रहा था क्योंकि पत्रकारों के नाम पर फर्जी पत्रकारों द्वारा हड़पने की कार्रवाई जिला प्रशासन पर लगातार दिए जाने के कारण जनसंपर्क कार्यालय विवाद के घेरे में रहा है क्योंकि 17. 5. 18 का पत्र बिहार सरकार सूचना जनसंपर्क विभाग के पत्रांक 690 को 2 अगस्त 19 तक दबाकर के रखे जाने का भी मामला तूल पकड़ता जा रहा है । जानकारी के मुताबिक सरकार के आदेश के बाद भी मासिक पत्रकार सम्मेलन कई वर्षों से नहीं किया जाना भी जिला प्रशासन के प्रति पत्रकारों का आक्रोश उभरना स्वाभाविक है । सूचना जनसंपर्क विभाग का काम यह है कि सरकार द्वारा किए गए कार्यों को जनता तक लाना और जनता की शिकायत तकलीफ को सरकार तक पहुंचाने की एक कड़ी है , परंतु जहां वह स्वंय भ्रष्टाचार की दलदल में फंसा हो तो सरकार को छवि खराब करने में थोड़ा सा भी कसर नहीं छोड़ पाते । समस्तीपुर जिला भ्रष्टाचार , हत्या , लूट , अपरहण , डकैती, रिश्वतखोरी , वेश्यावृत्ति , शराब माफियाओं का आतंक , जनवितरण प्रणाली का सामान खुलेआम बेचे जाने , आंगनवाड़ी सेविकाओं से सीडीपीओ द्वारा 3 से ₹ 5000 प्रति माह जारी किए जाने से लेकर बाल विकास परियोजना की योजना भी दम तोड़ता नजर आ रहा है । समस्तीपुर सदर अस्पताल श्मशान घाट में तब्दील होता दिख जा रहा है । संपूर्ण जिला लोटस ओर अभियान में लगा हुआ है जिला प्रशासन माफिया के सामने भूतनाथ ट्रिक बन चुका है कोई विभाग नहीं जहां त्राहिमाम मचा हुआ ना हो समस्तीपुर जिला बरसों से बर्बादी की कगार पर खड़ा है और जिला प्रशासन भ्रष्टाचार का बादशाह ।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । समस्तीपुर जिला जनसंपर्क कार्यालय के भ्रष्टाचारी रवैये काली करतूतों के कारण समस्तीपुर के पत्रकारों में गहरा आक्रोश व्याप्त है ।
जानकारी के मुताबिक विगत 3 वर्षों से बनकर तैयार समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन के उद्घाटन के अवसर पर अधिकांश पत्रकारों को सूचना आमंत्रण नहीं दिए जाने के कारण जिले के विभिन्न पत्रकारों को जिला जनसंपर्क कार्यालय के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है ।
समस्तीपुर के पत्रकारों एवं स्थानीय समाचार पत्र के संपादको ने जिला जनसंपर्क कार्यालय समस्तीपुर के क्रियाकलापों की जांच कराने की मांग की है ।
जिला जनसंपर्क कार्यालय समस्तीपुर ने विगत कई वर्षों से आम लोगों के बैठ कर समाचार पढ़ने वाले कक्ष में दूसरे विभाग को भाड़े पर दिए जाने को लेकर भी नाराजगी देखा जा रहा है । आज 15 अगस्त के अवसर पर समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन के उद्घाटन चुपके चुपके किए जाने की भी निंदा की गई है । उल्लेखनीय है कि समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन का अंतरंग हस्तांतरण नहीं किए जाने को लेकर भी समस्तीपुर के पत्रकारों में काफी आक्रोश देखा जा रहा था क्योंकि पत्रकारों के नाम पर फर्जी पत्रकारों द्वारा हड़पने की कार्रवाई जिला प्रशासन पर लगातार दिए जाने के कारण जनसंपर्क कार्यालय विवाद के घेरे में रहा है क्योंकि 17. 5. 18 का पत्र बिहार सरकार सूचना जनसंपर्क विभाग के पत्रांक 690 को 2 अगस्त 19 तक दबाकर के रखे जाने का भी मामला तूल पकड़ता जा रहा है । जानकारी के मुताबिक सरकार के आदेश के बाद भी मासिक पत्रकार सम्मेलन कई वर्षों से नहीं किया जाना भी जिला प्रशासन के प्रति पत्रकारों का आक्रोश उभरना स्वाभाविक है । सूचना जनसंपर्क विभाग का काम यह है कि सरकार द्वारा किए गए कार्यों को जनता तक लाना और जनता की शिकायत तकलीफ को सरकार तक पहुंचाने की एक कड़ी है , परंतु जहां वह स्वंय भ्रष्टाचार की दलदल में फंसा हो तो सरकार को छवि खराब करने में थोड़ा सा भी कसर नहीं छोड़ पाते । समस्तीपुर जिला भ्रष्टाचार , हत्या , लूट , अपरहण , डकैती, रिश्वतखोरी , वेश्यावृत्ति , शराब माफियाओं का आतंक , जनवितरण प्रणाली का सामान खुलेआम बेचे जाने , आंगनवाड़ी सेविकाओं से सीडीपीओ द्वारा 3 से ₹ 5000 प्रति माह जारी किए जाने से लेकर बाल विकास परियोजना की योजना भी दम तोड़ता नजर आ रहा है । समस्तीपुर सदर अस्पताल श्मशान घाट में तब्दील होता दिख जा रहा है । संपूर्ण जिला लोटस ओर अभियान में लगा हुआ है जिला प्रशासन माफिया के सामने भूतनाथ ट्रिक बन चुका है कोई विभाग नहीं जहां त्राहिमाम मचा हुआ ना हो समस्तीपुर जिला बरसों से बर्बादी की कगार पर खड़ा है और जिला प्रशासन भ्रष्टाचार का बादशाह ।