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शहर के बीआरबी कालेज में नामांकन कराने को लेकर उमड़ी भीड़


एलएनएमयू के गलत नामांकन प्रक्रिया से छात्रों के भविष्य बर्बादी के कागार पर - सुरेंद्र
तमाम इच्छुक छात्रों का नामांकन उनके सुविधा वाले कालेज में हो वरणा आंदोलन - सुनील


 राजेश कुमार वर्मा

समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । बुधवार के दिन
एलएनएमयू के विवादास्पद ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया के कारण बहुतेरे छात्रों का भविष्य बर्बादी के कगार पर पहुँच गया है। युनिवर्सिटी प्रशासन के ऑनलाइन के तुगलकी फरमान को मानकर छात्र अपने सुविधानुसार पहले नजदीकी और सुविधायुक्त पसंदीदा कॉलेज का आप्शन दे डाला लेकिन कई कॉलेज में छात्रों के द्वारा चयनित विषय की पढाई की व्यवस्था नहीं रहने के कारण उन्हें आप्शन बदलना पड़ा।इंटर साईंस, होम साईंस, भूगोल,म्युजिक आदि में ऑनलाइन की प्रक्रिया बेहतर नहीं होने के कारण छात्रों को दूसरे - तीसरे जिला के कॉलेजों में जाना पड़ रहा है। कैफे एवं नेट संचालक का भी नामांकन ऑनलाइन का प्रशिक्षण नहीं दिया गया। इस वजह से भी ऑनलाइन एवं स्पॉट एडमिशन में समस्याओं का अंबार लगा है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के बाबजूद प्रायः कॉलेजों में पहुँच - पैरवी के आधार पर 2 - 4 हजार रूपये अवैध वसुली कर सीधा नामांकन भी किया गया है। इसकी कई शिकायतें भी सामने आई पर इसे रफादफा कर दिया गया। ऑनलाइन में खासकर छात्राओं एवं उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।ऑनलाइन करने के बाबजूद सैकड़ों छात्रों का लिस्ट में नाम नहीं भेजा जा रहा था परिणामस्वरूप यूनिवर्सिटी इसे अपनी चुक मानते हुए स्पॉट एडमिशन शुरू करने का आदेश कॉलेज को दे डाला। अब जो छात्र मजबूरी में सुदूरवर्ती कॉलेज में दाखिला लिये थे, वे भी स्पॉट एडमिशन के तहत नजदीक में पुनः एडमिशन लेकर नजदीकी कॉलेज में आ गये।ऐसे में कई कॉलेज की सीटें जल्द भर गई तो कई कॉलेज की सीटें खाली पड़ी हैं। इसका भी लाभ बाबू लोग के साथ ही तथाकथित छात्र नेता छात्रसंघ के नाम पर उठा रहे हैं। बीआरबी कॉलेज समेत अन्य कॉलेजों में आइसा इस मुद्दे पर आंदोलन भी चलाया है। इंटर से पीजी तक के सभी वर्गों की छात्रा एवं एससी / एसटी छात्र से नामांकन शुल्क नहीं लेना है फिर भी प्रायः कॉलेजों में लिया जाता है। एक जानकारी के अनुसार पीजी में सी बी सी एस अर्थात सभी प्रकार के शैक्षणिक माहौल उपलब्ध होने पर 2500 - 3000 रू० अवैध रूप से वसूला जाता है।इसमें लाईब्रेरी एवं लेबोरेट्री, कम्प्यूटर, म्युज़िक आदि टीचर का घोर अभाव है। कुल मिलाकर सरकार एवं युनिवर्सिटी प्रशासन के गड़बड़ी का लाभ उठाकर कुछ लोग मालामाल हो रहे हैं तो बहुसंख्यक छात्र - छात्राओं से आर्थिक शोषण के अलावे उनके भविष्य को दांव पर लगा दिया गया है। आइसा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, आइसा प्रभारी सह भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि छात्रों के भविष्य से खेलने वाली सरकार के खिलाफ जूझारू आंदोलन की दरकार है और आइसा इसे करेगी। 

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