संवाद
सीतामढ़ी :- कितना अच्छा होता जब सीतामढ़ी के रेफरल अस्पताल चालू होता पुपरी अनुमंडल स्थित रेफरल अस्पताल में करोड़ों की लागत से तैयार भवन अब भूत बंगला बन कर रहा है । यह अस्पताल भवन असामाजिक तत्वों का अड्डा व लवर्स प्वाइंट बन चुका है।1992 में अस्पताल के निर्माण का आधारशिला रखी गई। अस्पताल का निर्माण कार्य भी पुरा हो गया था , डॉक्टर से लेकर नर्स तक का नियुक्ति कर लिया जाता है, यहाँ तक कि डॉक्टर और अन्य कर्मी के लिए आवासीय भवन तक बन जाता है। आम मरीजों का इलाज सुचारू रूप से हुआ था तभी राजनीतिक भेंट चढ़ गया, जानकारी के अनुसार पुपरी में अस्पताल बनने पर राजनेता श्रेय लेने की होड़ मची राजनेताओं के बीच आपसी टकराव के कारण अस्पताल के कर्मचारियों को धमकी दी जाने लगी। अस्पताल कर्मी ने धीरे धीरे रेफरल अस्पताल जाने से मना करने लगे बाद में तत्कालीन जिला अधिकारी ने अस्पताल को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया पर आज तक चालू नहीं हुआ। इसके बाद जोहते-जोहते भूत बंगले के रूप में तब्दील हो रहा है।आश्चर्य है कि लगभग दस कट्ठा में निर्मित इस रेफरल अस्पताल का सही देख रेख के अभाव में आज यह अस्पताल भूत बंगले में तब्दील हो गया है।बहरहाल जो भी हो लाखों रूपये की लागत से निर्मित रेफरल अस्पताल का भूत बंगले में तब्दील होता जा रहा है। इस पर ना तो किसी पदाधिकारी की नजर है और ना ही किसी स्थानीय जनप्रतिनिधि का।
सीतामढ़ी :- कितना अच्छा होता जब सीतामढ़ी के रेफरल अस्पताल चालू होता पुपरी अनुमंडल स्थित रेफरल अस्पताल में करोड़ों की लागत से तैयार भवन अब भूत बंगला बन कर रहा है । यह अस्पताल भवन असामाजिक तत्वों का अड्डा व लवर्स प्वाइंट बन चुका है।1992 में अस्पताल के निर्माण का आधारशिला रखी गई। अस्पताल का निर्माण कार्य भी पुरा हो गया था , डॉक्टर से लेकर नर्स तक का नियुक्ति कर लिया जाता है, यहाँ तक कि डॉक्टर और अन्य कर्मी के लिए आवासीय भवन तक बन जाता है। आम मरीजों का इलाज सुचारू रूप से हुआ था तभी राजनीतिक भेंट चढ़ गया, जानकारी के अनुसार पुपरी में अस्पताल बनने पर राजनेता श्रेय लेने की होड़ मची राजनेताओं के बीच आपसी टकराव के कारण अस्पताल के कर्मचारियों को धमकी दी जाने लगी। अस्पताल कर्मी ने धीरे धीरे रेफरल अस्पताल जाने से मना करने लगे बाद में तत्कालीन जिला अधिकारी ने अस्पताल को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया पर आज तक चालू नहीं हुआ। इसके बाद जोहते-जोहते भूत बंगले के रूप में तब्दील हो रहा है।आश्चर्य है कि लगभग दस कट्ठा में निर्मित इस रेफरल अस्पताल का सही देख रेख के अभाव में आज यह अस्पताल भूत बंगले में तब्दील हो गया है।बहरहाल जो भी हो लाखों रूपये की लागत से निर्मित रेफरल अस्पताल का भूत बंगले में तब्दील होता जा रहा है। इस पर ना तो किसी पदाधिकारी की नजर है और ना ही किसी स्थानीय जनप्रतिनिधि का।