राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा के निधन से न केवल बिहार को क्षति हुआ है बल्कि समस्तीपुर जिला को गहरा धक्का लगा है । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा जगन्नाथ मिश्रा के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए जदयू नेताओं ने कहा कि बिहार ने एक बड़ा नेता खो दिया है इसकी भरपाई निकट भविष्य में नही हो सकती है। ईश्वर उनकी आत्मा के शांति प्रदान करे और उनके परिवार को दुख सहने की क्षमता दे। शोक संवेदना प्रकट करने वालो में जदयू जिला अध्यक्ष अश्वमेघ देवी डा दुर्गेश राय जिला महासचिव प्रो तकी अख्तर प्रो देवनाथ सिंह नीरज कुमार आदि नेता है।
डॉ० मिश्रा का संबंध समस्तीपुर से बहुत करीबी रहा है क्योंकि डॉ० मिश्र का ससुराल समस्तीपुर के रंजन प्रखंड के सलेमपुर गांव में है उन्हें अपना साला नहीं था परंतु चचेरा साला कला नाथ मिश्र को अपना साला से कम नहीं मानते थे डॉ मिश्र की बीना मिश्रा जिला की बेटी है । डॉ० मिश्र की याद समस्तीपुर के चार दशक पहले के लोगों के जहन में है डॉ० मिश्र को बिहार की गद्दी इसलिए दी गई थी की समस्तीपुर में ही भारत सरकार के रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा की समस्तीपुर रेलवे प्लेटफार्म संख्या दो पर 2 जनवरी को समस्तीपुर मुजफ्फरपुर रेल खंड में बड़ी लाइन के उद्घाटन के क्रम में बम विस्फोट में होने के बाद इन्हें इनाम स्वरूप बिहार की गद्दी कांग्रेस पार्टी ने संभालने के लिए इन्हें लाया था ।
डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र ने मुख्यमंत्री से हटने के बाद डॉ० बिंदेश्वरी दुबे को सत्ता से बेदखल करने के लिए पाटलिपुत्र टाइम्स हिंदी दैनिक पटना से अखबार का प्रकाशन कर ना केवल बिहार को झकझोर दिया बल्कि देश स्तर पर जगरनाथ मिश्रा का अपना एक पहचान बना । डॉ० मिश्र बिहार के चर्चित चारा घोटाला के मुख्य आरोपी बनाए गए थे और इनके ही राज्य में चारा से संबंधित मामला की उत्पत्ति हुई थी और धीरे-धीरे लालू प्रसाद के सत्ता में उजागर हुआ डॉ० मिश्रा के कैबिनेट के कई मंत्री इस चारा घोटाला में अभिभूत हैं । डॉ० मिश्र इस घोटाला से निजात पाने के लिए एनडीए में भी शामिल हो गए इसके बाद भी गंभीर आरोप में इन्हें तो बड़ी नहीं किया जा सका परंतु नया लेने स्वास्थ्य के नाम पर दिया था सेम मामले में लाल लालू प्रसाद को न्यायालय से स्वास्थ्य के नाम पर कोई राहत नहीं दी गई है । आज जगन्नाथ जी के निधन पर बिहार सरकार 3 दिन का राजकीय शोक मनाने का फैसला लिया है यह भी अपने आप में एक संदिग्ध है । डॉ० मिश्र के निधन पर जिले के कई राजनीतिक दल के नेताओं ने अपना गहरा शोक प्रकट किया है प्रकट करने वालों में पूर्व सांसद जदयू अध्यक्ष अश्वमेघ देवी बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ० दुर्गेश राय जिला महासचिव प्रोफ़ेसर तकी अख्तर ने संयुक्त रूप से कहा है कि बिहार में एक बड़ा नेता खो दिया है इसकी भरपाई निकट भविष्य में नहीं हो सकती है इधर डॉ० मिश्र के निधन पर समस्तीपुर के पत्रकारों ने भी गाढ़ा शोक प्रकट किया है जिन्होंने डॉ० मिश्र के काम करने का मौका मिला था । डॉ० जगन्नाथ मिश्र ने अपने मुख्यमंत्री काल में प्रेस विल लाए लाए थे जिसका विरोध पूरे बिहार के पत्रकारों ने जमकर किया था जिसकी शुरुआत समस्तीपुर के गंगा प्रसाद सतमलपुरी ने अपने मुंह पर पट्टी बांधकर पटना में प्रदर्शन किया था जो पूरे देश विदेश में समस्तीपुर का नाम चर्चा में आया था डॉक्टर मिश्र ने आर्यावर्त हिंदी दैनिक , इंडिया नेशन अंग्रेजी दैनिक के खिलाफ अपना अखबार पाटलिपुत्र टाइम्स धूमधाम से बिहार की धरती पर जनता के नाम समर्पित किए थे परंतु 5 वर्षों तक बिहार में करीबन धूम मचा कर रखा था उसके बाद अखबार का नामोनिशान मिट गया आज भी डॉ० मिश्रा के नाम से जिसने कोई लाभ लिया था वह तमाम छोड़ दिया । डॉ० मिश्र ने अल्पसंख्यक के लिए बिहार में दूसरी राष्ट्रभाषा के रूप में उर्दू लागू की थी जिसके कारण पूरे बिहार में डॉक्टर मिश्रा को मौलवी मिश्रा कहां का विरोध प्रदर्शन किया गया था । डॉ० मिश्र ने बिहार को एक गति प्रदान किया था । डॉ० मिश्र बिना कांग्रेस समाप्त हो गया । डॉ० मिश्र बिहार के तीन तीन बार मुख्यमंत्री रहे उसके बावजूद भी आज के मंत्री के बराबर अपनी संपत्ति नहीं बना पाऐ । डॉ० मिश्र सहरसा जिले के बलवा बाजार के रहने वाले हैं ।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा के निधन से न केवल बिहार को क्षति हुआ है बल्कि समस्तीपुर जिला को गहरा धक्का लगा है । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा जगन्नाथ मिश्रा के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए जदयू नेताओं ने कहा कि बिहार ने एक बड़ा नेता खो दिया है इसकी भरपाई निकट भविष्य में नही हो सकती है। ईश्वर उनकी आत्मा के शांति प्रदान करे और उनके परिवार को दुख सहने की क्षमता दे। शोक संवेदना प्रकट करने वालो में जदयू जिला अध्यक्ष अश्वमेघ देवी डा दुर्गेश राय जिला महासचिव प्रो तकी अख्तर प्रो देवनाथ सिंह नीरज कुमार आदि नेता है।
डॉ० मिश्रा का संबंध समस्तीपुर से बहुत करीबी रहा है क्योंकि डॉ० मिश्र का ससुराल समस्तीपुर के रंजन प्रखंड के सलेमपुर गांव में है उन्हें अपना साला नहीं था परंतु चचेरा साला कला नाथ मिश्र को अपना साला से कम नहीं मानते थे डॉ मिश्र की बीना मिश्रा जिला की बेटी है । डॉ० मिश्र की याद समस्तीपुर के चार दशक पहले के लोगों के जहन में है डॉ० मिश्र को बिहार की गद्दी इसलिए दी गई थी की समस्तीपुर में ही भारत सरकार के रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा की समस्तीपुर रेलवे प्लेटफार्म संख्या दो पर 2 जनवरी को समस्तीपुर मुजफ्फरपुर रेल खंड में बड़ी लाइन के उद्घाटन के क्रम में बम विस्फोट में होने के बाद इन्हें इनाम स्वरूप बिहार की गद्दी कांग्रेस पार्टी ने संभालने के लिए इन्हें लाया था ।
डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र ने मुख्यमंत्री से हटने के बाद डॉ० बिंदेश्वरी दुबे को सत्ता से बेदखल करने के लिए पाटलिपुत्र टाइम्स हिंदी दैनिक पटना से अखबार का प्रकाशन कर ना केवल बिहार को झकझोर दिया बल्कि देश स्तर पर जगरनाथ मिश्रा का अपना एक पहचान बना । डॉ० मिश्र बिहार के चर्चित चारा घोटाला के मुख्य आरोपी बनाए गए थे और इनके ही राज्य में चारा से संबंधित मामला की उत्पत्ति हुई थी और धीरे-धीरे लालू प्रसाद के सत्ता में उजागर हुआ डॉ० मिश्रा के कैबिनेट के कई मंत्री इस चारा घोटाला में अभिभूत हैं । डॉ० मिश्र इस घोटाला से निजात पाने के लिए एनडीए में भी शामिल हो गए इसके बाद भी गंभीर आरोप में इन्हें तो बड़ी नहीं किया जा सका परंतु नया लेने स्वास्थ्य के नाम पर दिया था सेम मामले में लाल लालू प्रसाद को न्यायालय से स्वास्थ्य के नाम पर कोई राहत नहीं दी गई है । आज जगन्नाथ जी के निधन पर बिहार सरकार 3 दिन का राजकीय शोक मनाने का फैसला लिया है यह भी अपने आप में एक संदिग्ध है । डॉ० मिश्र के निधन पर जिले के कई राजनीतिक दल के नेताओं ने अपना गहरा शोक प्रकट किया है प्रकट करने वालों में पूर्व सांसद जदयू अध्यक्ष अश्वमेघ देवी बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ० दुर्गेश राय जिला महासचिव प्रोफ़ेसर तकी अख्तर ने संयुक्त रूप से कहा है कि बिहार में एक बड़ा नेता खो दिया है इसकी भरपाई निकट भविष्य में नहीं हो सकती है इधर डॉ० मिश्र के निधन पर समस्तीपुर के पत्रकारों ने भी गाढ़ा शोक प्रकट किया है जिन्होंने डॉ० मिश्र के काम करने का मौका मिला था । डॉ० जगन्नाथ मिश्र ने अपने मुख्यमंत्री काल में प्रेस विल लाए लाए थे जिसका विरोध पूरे बिहार के पत्रकारों ने जमकर किया था जिसकी शुरुआत समस्तीपुर के गंगा प्रसाद सतमलपुरी ने अपने मुंह पर पट्टी बांधकर पटना में प्रदर्शन किया था जो पूरे देश विदेश में समस्तीपुर का नाम चर्चा में आया था डॉक्टर मिश्र ने आर्यावर्त हिंदी दैनिक , इंडिया नेशन अंग्रेजी दैनिक के खिलाफ अपना अखबार पाटलिपुत्र टाइम्स धूमधाम से बिहार की धरती पर जनता के नाम समर्पित किए थे परंतु 5 वर्षों तक बिहार में करीबन धूम मचा कर रखा था उसके बाद अखबार का नामोनिशान मिट गया आज भी डॉ० मिश्रा के नाम से जिसने कोई लाभ लिया था वह तमाम छोड़ दिया । डॉ० मिश्र ने अल्पसंख्यक के लिए बिहार में दूसरी राष्ट्रभाषा के रूप में उर्दू लागू की थी जिसके कारण पूरे बिहार में डॉक्टर मिश्रा को मौलवी मिश्रा कहां का विरोध प्रदर्शन किया गया था । डॉ० मिश्र ने बिहार को एक गति प्रदान किया था । डॉ० मिश्र बिना कांग्रेस समाप्त हो गया । डॉ० मिश्र बिहार के तीन तीन बार मुख्यमंत्री रहे उसके बावजूद भी आज के मंत्री के बराबर अपनी संपत्ति नहीं बना पाऐ । डॉ० मिश्र सहरसा जिले के बलवा बाजार के रहने वाले हैं ।