संवाद
बेगूसराय जिले के सिंघौल ओपी की घटना है जहां भाजपा के पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह को बेखौफ अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। जिसमें बेगूसराय पुलिस की ओर से पहले पत्रकारों को बताया गया कि लोहे के सरिया से हत्या की बातें बताई गई फिर पोस्टमार्टम में गोली लगने से मृत्यु की बातें सामने आई। जिसमें सिंघौल ओपी में मृतक के भाई नवीन सिंह द्धारा आवेदन दिया गया और बेगूसराय एसपी व सिंघौल ओपीध्यक्ष द्धारा नामजद अभियुक्त अमित कुमार की गिरफ्तारी की बातें सामने आई। फिर करीब दो से तीन घंटे बाद अमित कुमार ने सीने में दर्द की शिकायत की जिस पर बेगूसराय एसपी के कथनानुसार बेगूसराय सदर अस्पताल में ईलाज चल रहा था और नामजद होने के कारण अभियुक्त को जेल भेज दिया जायेगा और सिंघौल ओपी प्रभारी मनीष कुमार के अनुसार पटना रेफर कर दिए।जिसकी खबर दिनांक 04.06.2019 को दो प्रिंट मीडिया में छपा भी था और ईलाज के बाद ही आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हो गया। तब यही ओपीध्यक्ष ने सूचना के अधिकार के तहत पूछने पर अपनी सफ़ाई में गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं किए जबकि मिडिया में खुद यहीं ओपीध्यक्ष और बेगूसराय एसपी ने गिरफ्तारी की बातें कबूल किए। आरटीआई कार्यकर्ता जनार्दन सिंह के द्धारा ओपीध्यक्ष से लेकर मुख्य सचिव तक इसकी जानकारी के लिए आरटीआई से पूछा गया जिस पर फिलहाल ओपीध्यक्ष ने गिरफ्तारी की बातें नहीं बताई गई। और जगहों से जवाब आना अभी बाकी है।जिसे एफ०आई०आर घोटाला के बाद अब नामजद आरोपी घोटाला होने लगा है।