राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । जिला विधिक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर में P.L.V को नहीं मिल रहा न्याय पटना उच्च न्यायालय के आदेश की हो रही अवहेलना । जिला विधिक सेवा प्राधिकर समस्तीपुर में कार्यरत पारा भोलेन्टियर वर्कर ( पीएलभी ) मनोज राम , रामकुमार पासवान , अजब लाल पासवान ,
रंजीत कुमार , प्रदीप राम , रामकुमार इत्यादि ने प्रेस को सूचना देते हुऐ कहा है की
हम सभी P.L.V को कहना है कि पटना हाईकोर्ट के आदेश होने के बाद भी समस्तीपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर के प्रधान सचिव अध्यक्ष के कान पर जूँ भी नहीं रेंगता है। ज्ञात हो कि सी. डब्ल्यू. जे.सी.21061/14 एवं सी.डब्ल्यू. जे.सी. 14239/17 में आदेश दिया गया है की P.L.V को भुगतान करते हुए पुनः चयन करने पर विचार किया जाए । जबकि बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के पत्रांक 108 बालसा , मि० 71/ 04/ 13/666 एवं पत्रांक-235/ बालसा/ मि०/11140/1104 के पैनल लिखा है कि नई स्कीम के अंतर्गत पारा विधिक स्वयं सेवक के आधार से प्रतिनियुक्त की जाए और प्रतिनियुक्त कर सप्ताह में प्रतिदिन प्रतिवेदन भेजा जाए एवं पारा-5 में यह भी दिया गया है की थाना पर प्रतिनियुक्त P.L.V को मानदेय भुगतान किया गया है या नहीं यदि हां तो कब तक नहीं तो कारण स्पष्ट करें थाना पर कार्यरत P.L.V ने काफी बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया था जब से थाना पर कार्यरत P.L.V का चयन रद्द किया गया है तब से अभी तक कोई P.L.V थाना पर कार्यरत नहीं होने के कारण विभिन्न थाना क्षेत्रों में बाल मजदूरी पुनः शुरू हो गया है । जिसे कोई देखने सुनने वाला कोई नहीं है ।
समस्तीपुर जिला विधिक सेवा पदाधिकारी द्वारा शुरू से अब तक P.L.V के साथ अन्याय एवं परेशान किया गया है जिसका परिणाम यह है कि समस्तीपुर जिला विधिक सेवा प्रधान पर पांच-पांच मुकदमा पटना उच्च न्यायालय में दर्ज हैं । !जिसमें दो मुकदमा विचाराधीन है । समस्तीपुर जिला विधिक सेवा पदाधिकारी पर अलग अलग दर्ज मुकदमा इस प्रकार है सीडब्लूजेसी 21061/ एमजेसी 1711/2019 सीडब्लूजेसी 14239/17 सीडब्लूजेसी 74/014 के साथ ही रोसड़ा थाना 1095/14 केस कोड 214200167202014 दर्ज है एवं कुछ P.L.V वर्तमान में भी मुकदमा दर्ज करने की सोच रहे हैं ।
जिससे यह आशंका व्यक्त किया जा रहा है की समस्तीपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकर में P.L.V के साथ बड़े पैमाने पर अन्याय हो रहा है । हाईकोर्ट के आदेश के अवहेलना एवं P.L.V के भुगतान नहीं होने के कारण न्यायपालिका पर से विश्वास उठता नजर आ रहा है । इनलोगों का यह कहना है की इस तरह से क्या गरीब लोगों को न्याय मिलेगा P.L.V लोग तो चंदा करके हाई कोर्ट तक पहुंचा है और हिम्मत बनाए रखा है कि भीख मांग कर भी सुप्रीम कोर्ट एवं राष्ट्रपति तक जाऊंगा । इसमें से एकाद P.L.V तो आत्मदाह एवं आत्महत्या करने की सोच रखा है । अगर ऐसा होता है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर जिम्मेवार होगा । रामकुमार ने नए एवं पुराने P.L.V से आग्रह किया है कि सभी P.L.V एकजुट होकर अपने अधिकार की मांग करें ।जब तक हम लोगों को न्याय एवं अधिकार नहीं मिलेगा! तब तक कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे ।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । जिला विधिक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर में P.L.V को नहीं मिल रहा न्याय पटना उच्च न्यायालय के आदेश की हो रही अवहेलना । जिला विधिक सेवा प्राधिकर समस्तीपुर में कार्यरत पारा भोलेन्टियर वर्कर ( पीएलभी ) मनोज राम , रामकुमार पासवान , अजब लाल पासवान ,
रंजीत कुमार , प्रदीप राम , रामकुमार इत्यादि ने प्रेस को सूचना देते हुऐ कहा है की
हम सभी P.L.V को कहना है कि पटना हाईकोर्ट के आदेश होने के बाद भी समस्तीपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर के प्रधान सचिव अध्यक्ष के कान पर जूँ भी नहीं रेंगता है। ज्ञात हो कि सी. डब्ल्यू. जे.सी.21061/14 एवं सी.डब्ल्यू. जे.सी. 14239/17 में आदेश दिया गया है की P.L.V को भुगतान करते हुए पुनः चयन करने पर विचार किया जाए । जबकि बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के पत्रांक 108 बालसा , मि० 71/ 04/ 13/666 एवं पत्रांक-235/ बालसा/ मि०/11140/1104 के पैनल लिखा है कि नई स्कीम के अंतर्गत पारा विधिक स्वयं सेवक के आधार से प्रतिनियुक्त की जाए और प्रतिनियुक्त कर सप्ताह में प्रतिदिन प्रतिवेदन भेजा जाए एवं पारा-5 में यह भी दिया गया है की थाना पर प्रतिनियुक्त P.L.V को मानदेय भुगतान किया गया है या नहीं यदि हां तो कब तक नहीं तो कारण स्पष्ट करें थाना पर कार्यरत P.L.V ने काफी बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया था जब से थाना पर कार्यरत P.L.V का चयन रद्द किया गया है तब से अभी तक कोई P.L.V थाना पर कार्यरत नहीं होने के कारण विभिन्न थाना क्षेत्रों में बाल मजदूरी पुनः शुरू हो गया है । जिसे कोई देखने सुनने वाला कोई नहीं है ।
समस्तीपुर जिला विधिक सेवा पदाधिकारी द्वारा शुरू से अब तक P.L.V के साथ अन्याय एवं परेशान किया गया है जिसका परिणाम यह है कि समस्तीपुर जिला विधिक सेवा प्रधान पर पांच-पांच मुकदमा पटना उच्च न्यायालय में दर्ज हैं । !जिसमें दो मुकदमा विचाराधीन है । समस्तीपुर जिला विधिक सेवा पदाधिकारी पर अलग अलग दर्ज मुकदमा इस प्रकार है सीडब्लूजेसी 21061/ एमजेसी 1711/2019 सीडब्लूजेसी 14239/17 सीडब्लूजेसी 74/014 के साथ ही रोसड़ा थाना 1095/14 केस कोड 214200167202014 दर्ज है एवं कुछ P.L.V वर्तमान में भी मुकदमा दर्ज करने की सोच रहे हैं ।
जिससे यह आशंका व्यक्त किया जा रहा है की समस्तीपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकर में P.L.V के साथ बड़े पैमाने पर अन्याय हो रहा है । हाईकोर्ट के आदेश के अवहेलना एवं P.L.V के भुगतान नहीं होने के कारण न्यायपालिका पर से विश्वास उठता नजर आ रहा है । इनलोगों का यह कहना है की इस तरह से क्या गरीब लोगों को न्याय मिलेगा P.L.V लोग तो चंदा करके हाई कोर्ट तक पहुंचा है और हिम्मत बनाए रखा है कि भीख मांग कर भी सुप्रीम कोर्ट एवं राष्ट्रपति तक जाऊंगा । इसमें से एकाद P.L.V तो आत्मदाह एवं आत्महत्या करने की सोच रखा है । अगर ऐसा होता है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर जिम्मेवार होगा । रामकुमार ने नए एवं पुराने P.L.V से आग्रह किया है कि सभी P.L.V एकजुट होकर अपने अधिकार की मांग करें ।जब तक हम लोगों को न्याय एवं अधिकार नहीं मिलेगा! तब तक कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे ।