राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । हिन्दी दिवस के अवसर पर जिला प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा श्रीकृष्ण निवास आदर्शनगर में शनिवार देर शाम तक "राष्ट्रभाषा हिन्दी" विषय पर एक संगोष्ठी स्वतंत्रता सेनानी और अवकाशप्राप्त शिक्षक राजेश्वर पाण्डेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । चिकित्सक डॉ0 एस0 दास के श्री अनुकूलचन्द-भक्ति से आरंभ कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं संचालन मुक्तापुर हाई स्कूल से सेवानिवृत हिन्दी शिक्षक डॉ0 विनयकृष्ण ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान बलिराम भगत कॉलेज के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ0 रमेश झा ने कहा कि हिन्दी को अविलम्ब राष्ट्रभाषा बनने की जरुरत है और यह विषय भारत के लिए कलंक है। विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ0 परमानन्द लाभ ने अपने सम्बोधन में बताया कि आजादी के समय से हीं हिन्दी राजनीति का शिकार हो कर राजभाषा के रुप में दिन गिन रही है।भारत हीं एक ऐसा देश है, जहाँ दुर्भाग्य से राष्ट्रभाषा नहीं है। गांधीजी का सपना था कि हिन्दी राष्ट्रभाषा के रुप में सुशोभित हो कर न्यायालय, कार्यालय और शिक्षण संस्थानों में कार्यक्लापों तथा पढ़ाई की भाषा हो, उसे लागू किया जाय। आचार्य परमानन्द प्रभाकर, राजेश वर्मा और प्रवीण कुमार चुन्नू ने हिन्दी से सन्दर्भित गज़ल-कविताओं की प्रस्तुति के द्वारा खूब तालियां बटोरी। साहित्यकार डॉ अशोक कुमार सिन्हा, डॉ नरेन्द्र किशोर सिन्हा, डॉ प्रमोद कुमार झा, रेलवे से अवकाशप्राप्त कर्मी व साहित्यकार विजय कुमार आदि ने भी अवसर पर सारगर्भित भाषण दिये। कार्यक्रम की सफलता में मौके पर उपस्थित छात्र-छात्राओं की भूमिका सराहनीय रही। अन्त में धन्यवादज्ञापन डॉ रेखा पोद्दार ने किया। समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । हिन्दी दिवस के अवसर पर जिला प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा श्रीकृष्ण निवास आदर्शनगर में शनिवार देर शाम तक "राष्ट्रभाषा हिन्दी" विषय पर एक संगोष्ठी स्वतंत्रता सेनानी और अवकाशप्राप्त शिक्षक राजेश्वर पाण्डेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । चिकित्सक डॉ0 एस0 दास के श्री अनुकूलचन्द-भक्ति से आरंभ कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं संचालन मुक्तापुर हाई स्कूल से सेवानिवृत हिन्दी शिक्षक डॉ0 विनयकृष्ण ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान बलिराम भगत कॉलेज के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ0 रमेश झा ने कहा कि हिन्दी को अविलम्ब राष्ट्रभाषा बनने की जरुरत है और यह विषय भारत के लिए कलंक है। विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ0 परमानन्द लाभ ने अपने सम्बोधन में बताया कि आजादी के समय से हीं हिन्दी राजनीति का शिकार हो कर राजभाषा के रुप में दिन गिन रही है।भारत हीं एक ऐसा देश है, जहाँ दुर्भाग्य से राष्ट्रभाषा नहीं है। गांधीजी का सपना था कि हिन्दी राष्ट्रभाषा के रुप में सुशोभित हो कर न्यायालय, कार्यालय और शिक्षण संस्थानों में कार्यक्लापों तथा पढ़ाई की भाषा हो, उसे लागू किया जाय। आचार्य परमानन्द प्रभाकर, राजेश वर्मा और प्रवीण कुमार चुन्नू ने हिन्दी से सन्दर्भित गज़ल-कविताओं की प्रस्तुति के द्वारा खूब तालियां बटोरी। साहित्यकार डॉ अशोक कुमार सिन्हा, डॉ नरेन्द्र किशोर सिन्हा, डॉ प्रमोद कुमार झा, रेलवे से अवकाशप्राप्त कर्मी व साहित्यकार विजय कुमार आदि ने भी अवसर पर सारगर्भित भाषण दिये। कार्यक्रम की सफलता में मौके पर उपस्थित छात्र-छात्राओं की भूमिका सराहनीय रही। अन्त में धन्यवादज्ञापन डॉ रेखा पोद्दार ने किया। समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा