अपराध के खबरें

केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम पर प्रश्नचिह्न खड़ा किये बाल कल्याण समिति कानपुर के अधिकारी - कर्मचारी खूल्लम खूल्ला कर रहे किशोर न्याय अधिनियम की अवहेलना

    राजेश कुमार वर्मा/प्रतीक धवन
कानपुर/यूपी ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है । बाल कल्याण समिति कानपुर के अधिकारी - कर्मचारी खूल्लम खूल्ला कर रहे किशोर न्याय अधिनियम की अवहेलना । बताया जाता है की एक अज्ञात बालिका शकीला खातून दिनांक ३१ अगस्त १९ को सचेंडी थाना के माध्यम से चाइल्ड लाईन कानपुर को सुपुर्दगी में मिली । जिसको चाइल्ड लाईन द्वारा बाल कल्याण समिति के समक्ष रखा गया जिसमें किशोर न्याय अधिनियम २०१५ की धारा २७ के अंतर्गत गठित समिति समिति के समक्ष रखा गया । लेकिन समिति ने बच्ची को आश्रय देने से इनकार कर दिया । आश्चर्य का विषय है कि एक तरफ राज्य सरकार एवं भारत सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लड़कियों को सुरक्षित करने के कई योजनाओं चलाने की बात रही है और योजना चलाया भी जा रहा है लेकिन इन योजनाओं को अनदेखा करते हुए बाल कल्याण समिति कानपुर बालिका को यह यह कहकर आश्रय देने से मना कर दिया कि बच्ची बड़ी है लेकिन इसका लिखित रूप में देने से मना कर दिया । उनके द्वारा कहा गया कि बालिका का चिकित्सा परीक्षण कराया जाए जबकि चिकित्सीय परीक्षण बालिका को आश्रय प्रदान करने के उपरांत चिकित्सीय परीक्षण कराना होता है लेकिन बालिका का परीक्षण चाइल्ड लाइन द्वारा कराया गया उसके उपरांत भी अब यह कहकर मना कर दिया गया की बालिका को हम नहीं रखेंगे बालिका बड़ी है । बाल कल्याण समिति की यह मंशा है कि उसे रास्ते में छोड़ दिया जाए चाइल्ड लाईन के वरिष्ठ टीम सदस्य गौरव सचान एवं शिवानी बच्चे को लेकर दर-दर भटक रही हैं लेकिन बच्ची को अभी तक आश्रय प्रदान नहीं किया गया वहीं दूसरी तरफ सरकार बालिकाओं की सुरक्षा की बात करती है । उपरोक्त कथन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से न्यूज ग्रुप में प्रतीक धवन समन्वयक चाइल्ड लाइन कानपुर नगर द्वारा संप्रेषित किया गया है । 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live