राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा/मधुबनी,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । आज के युवा दिशा भटक रहे है जिस कारण जिस कारण उनका वैवाहिक जीवन नर्क से भी ज्यादा दुर्दशा में बीत रहे है। आज पति पत्नी के अलगाव होने की घटना अधिक बढ़ रहे है। वैसे मै मानता हूं कि दोनों के बीच अलगाव होने का और भी कारण हो सकते है जिनमे एक यह भी कारण हो सकता है कि आपसी रति क्रिया में दोनों या दोनों में से किसी एक का संतुष्टि का न होना। हर एक दूसरे अपने कमी को छुपाना चाहते है और अपने साथी पर आरोप लगा देते है। यही कारण है कि धीरे धीरे यह तनाव की स्थिति पैदा होकर बढ़ने लगती है जो दंपति के बीच आलगाव का कारण बन जाता है। जिसमें बसे बसाए घर उजर जाता है। मै कहूंगा की इस तरह के स्थिति पैदा होने से पहले ही दंपति को चाहिए कि बिना संकोच किए किसी योग्य से परामर्श लेकर इस समस्या का समाधान ढूंढे तो बेहतर होगा। जब दोनों के बीच सारिरिक संबंध में स्वयं या साथी को संतुष्टि न हो हो तो संयम और धैर्य रखते हुए एक दूसरे को समस्या से जरूर अवगत कराए।
आज खान पान अधिकतर रासायन युक्त हो चुके है और दूसरी समस्या है नशीली प्रदार्थों का लत बढ़ता ही जा रहा है तीसरी समस्या है कि रति क्रिया को समझने के बजाय गलत तरीके से अश्लीलता पर अधिक ध्यान दे रहे है। युबा वर्ग की भटकाव की स्थिति वैवाहिक जीवन को तहस नहस करने सक्षम है। अतः में यही कहूंगा कि गलत दिशा में भटकने का प्रयत्न न करे अन्यथा वैवाहिक जीवन में अपने साथी के पास सरमाने के अलावा कुछ नही मिलेगा। रति करने के 64 कला के ज्ञान का भी होना अति आवश्यक होता है। जो हमारे काम शास्त्र में बहुत पहले ही ऋषि मुनियों द्वारा जानकारी दिया जा चुका है। समस्या यह होती है कि आज भी इस विषय वस्तु को लेकर, समझने और समझाने से सरमाते है। आज इस विषय में ज्ञान न होने के कारण ही युवा गलत कदम आगे बढ़ा रहे है।
काम क्रिया (संभोग, रति) का समझ होना भी अति आवश्यक है।
आज जिस तरह से पति पत्नि में अलगाव की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है जिस में मुख्य कारण दोनों या किसी एक को रति में असंतुष्टि हो सकती है।
बड़े बुजुर्गो ने कहा है कि
- गई जवानी फिर न लौटे, कितनो घी मलिद्दा खाय।
पंकज झा शास्त्री