संवाद
देश के जाने-माने अधिवक्ता राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। राम जेठमलानी देश के दिग्गज वकीलों में शुमार थे। उन्होंने अपने जीवन में कई बड़े मुक़दमे लड़े और जीते थे। वह दिग्गज वकील होने के साथ-साथ केंद्रीय क़ानून मंत्री भी रहे। बताया जाता है कि जेठमलानी पिछले दो हफ्ते से बीमार थे।
राम जेठमलानी ने भारतीय वकालत का सबसे लंबा सफ़र तय किया। सर्वोच्च न्यायालय के वकीलों के मुताबिक़, जेठमलानी कई बार न्यायाधीशों को यह तक बोल देते थे कि आपकी उम्र से ज़्यादा तो मेरा वकालत का अनुभव है लेकिन उनकी इस बात का कोई बुरा नहीं मानता था वह इसलिए क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश के रिटायर होने की अधिकतम उम्र 65 साल है जबकि जेठमलानी को वकालत करने का लगभग 77 साल का अनुभव था।
राम जेठमलानी के पिता और दादा भी वकील थे लेकिन वे नहीं चाहते थे कि जेठमलानी भी वकील बनें। एक साक्षात्कार में राम जेठमलानी ने कहा था कि उनके पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें लेकिन उन्हें वकालत पसंद थी। बताया जाता है कि 18 साल की उम्र में ही राम जेठमलानी को वकालत का लाइसेंस जारी कर दिया गया था। इतनी कम उम्र में वकालत शुरू करने वाले वह देश के पहले और आख़िरी व्यक्ति थे।
देश के जाने-माने अधिवक्ता राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। राम जेठमलानी देश के दिग्गज वकीलों में शुमार थे। उन्होंने अपने जीवन में कई बड़े मुक़दमे लड़े और जीते थे। वह दिग्गज वकील होने के साथ-साथ केंद्रीय क़ानून मंत्री भी रहे। बताया जाता है कि जेठमलानी पिछले दो हफ्ते से बीमार थे।
राम जेठमलानी ने भारतीय वकालत का सबसे लंबा सफ़र तय किया। सर्वोच्च न्यायालय के वकीलों के मुताबिक़, जेठमलानी कई बार न्यायाधीशों को यह तक बोल देते थे कि आपकी उम्र से ज़्यादा तो मेरा वकालत का अनुभव है लेकिन उनकी इस बात का कोई बुरा नहीं मानता था वह इसलिए क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश के रिटायर होने की अधिकतम उम्र 65 साल है जबकि जेठमलानी को वकालत करने का लगभग 77 साल का अनुभव था।
राम जेठमलानी के पिता और दादा भी वकील थे लेकिन वे नहीं चाहते थे कि जेठमलानी भी वकील बनें। एक साक्षात्कार में राम जेठमलानी ने कहा था कि उनके पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बनें लेकिन उन्हें वकालत पसंद थी। बताया जाता है कि 18 साल की उम्र में ही राम जेठमलानी को वकालत का लाइसेंस जारी कर दिया गया था। इतनी कम उम्र में वकालत शुरू करने वाले वह देश के पहले और आख़िरी व्यक्ति थे।