राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर रिलीफ प्वाइंट "फिजियोथेरेपी" एंड एक्यूपंक्चर क्लिनिक के संचालक डॉ० बी०पी० निर्मल ने बताया कि फिजियोथेरेपी - शारिरिक चिकित्सा , चिकित्सा विज्ञान की ऐसी क्रिया है जिसके ईलाज का दुश्प्रभाव ना के बराबर है। चूंकि इस चिकित्सा विज्ञान में दवाईयाँ नहीं लेनी पड़ती इसलिए इसके दुश्प्रभाव का सवाल ही नहीं उठता। डॉ० निर्मल ने आगे बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका असर जरूर दिखता है अगर इसे नियमित लिया जाऐ । उन्होंने आगे कहा कि अगर आप किसी भी प्रकार के शारीरिक दर्द से परेशान है और आप दर्द निवारक दवाईयाँ नहीं लेना चाहते हैं तो भौतिक चिकित्सा / फिजियोथेरेपी आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है । उन्होंने आगे बताया कि फिजियोथेरेपी का मतलब जीवन शैली को पहचानना, उसकी गुणवत्ता को बढाने के साथ साथ शारिरिक कमियों को दूर करना और पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाना भी है । फिजियोथेरेपी शारिरिक , मानसिक , भावनात्मक और सामाजिक क्षेत्र में अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है। उन्होंने आगे बताया कि आज फिजियोथेरेपी से आप कार्डियक , अस्थि बॉल व नसों एंव मांसपेशियों से संवधित बिमारियों को काफी दूर कर सकते हैं । आजकल के जीवनशैली में प्रायः लोगों को जोड़ो का दर्द , कमर दर्द , गर्दन दर्द , घुटना दर्द होता है जिसके लिए फिजियोथैरेपी अच्छा विकल्प है बस लोगों में जानकारी का अभाव है ।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर रिलीफ प्वाइंट "फिजियोथेरेपी" एंड एक्यूपंक्चर क्लिनिक के संचालक डॉ० बी०पी० निर्मल ने बताया कि फिजियोथेरेपी - शारिरिक चिकित्सा , चिकित्सा विज्ञान की ऐसी क्रिया है जिसके ईलाज का दुश्प्रभाव ना के बराबर है। चूंकि इस चिकित्सा विज्ञान में दवाईयाँ नहीं लेनी पड़ती इसलिए इसके दुश्प्रभाव का सवाल ही नहीं उठता। डॉ० निर्मल ने आगे बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका असर जरूर दिखता है अगर इसे नियमित लिया जाऐ । उन्होंने आगे कहा कि अगर आप किसी भी प्रकार के शारीरिक दर्द से परेशान है और आप दर्द निवारक दवाईयाँ नहीं लेना चाहते हैं तो भौतिक चिकित्सा / फिजियोथेरेपी आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है । उन्होंने आगे बताया कि फिजियोथेरेपी का मतलब जीवन शैली को पहचानना, उसकी गुणवत्ता को बढाने के साथ साथ शारिरिक कमियों को दूर करना और पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाना भी है । फिजियोथेरेपी शारिरिक , मानसिक , भावनात्मक और सामाजिक क्षेत्र में अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है। उन्होंने आगे बताया कि आज फिजियोथेरेपी से आप कार्डियक , अस्थि बॉल व नसों एंव मांसपेशियों से संवधित बिमारियों को काफी दूर कर सकते हैं । आजकल के जीवनशैली में प्रायः लोगों को जोड़ो का दर्द , कमर दर्द , गर्दन दर्द , घुटना दर्द होता है जिसके लिए फिजियोथैरेपी अच्छा विकल्प है बस लोगों में जानकारी का अभाव है ।