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गुजरात में 9वीं कक्षा के इंटर्नल परीक्षा में पूछे गए एक सवाल , 'गांधीजी ने आत्महत्या करने के लिए क्या किया ?' तथा 12वीं के छात्र-छात्राओं से पूछा गया सवाल , 'अपने इलाके में शराब की बिक्री बढ़ने एवं शराब तस्करों द्वारा पैदा की जाने वाली परेशानियों के बारे में शिकायत करते हुए जिला पुलिस प्रमुख को एक पत्र लिखें' , पर राजद ने गहरी नाराजगी जाहिर व्यक्त किया है



राजेश कुमार वर्मा

सकरा/मुजफ्फरपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । गुजरात में 9वीं कक्षा के इंटर्नल परीक्षा में पूछे गए एक सवाल , 'गांधीजी ने आत्महत्या करने के लिए क्या किया ?' तथा 12वीं के छात्र-छात्राओं से पूछा गया सवाल , 'अपने इलाके में शराब की बिक्री बढ़ने एवं शराब तस्करों द्वारा पैदा की जाने वाली परेशानियों के बारे में शिकायत करते हुए जिला पुलिस प्रमुख को एक पत्र लिखें' , पर राजद ने गहरी नाराजगी जाहिर किया है l
राजद के प्रांतीय नेता व सकरा विधायक लालबाबू राम ने कहा है कि ये प्रश्न बहुत आपत्तिजनक हैं और इसकी जांच होनी चाहिए तथा रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई किया जाना चाहिए । वहीं
शराब से संबंधित सवाल के मामले में विधायक श्री लालबाबू का कहना है कि गुजरात में शराबबंदी है। ऐसे में छात्रों से इस तरह के सवाल का क्या मतलब बनता है। गुजरात में स्कूली परीक्षा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या को ‘आत्महत्या’ बताए जाने पर राजद के प्रांतीय नेता व विधायक लालबाबू राम ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस तरह की भ्रामक जानकारी देकर गांधीजी के खिलाफ षडयंत्र कर रहा है। गुजरात में परीक्षा में बच्चों से प्रश्न पूछा गया है कि ‘गांधीजी ने आत्महत्या कैसे की?’ यह सवाल राज्य सरकार से वित्त पोषित विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के संगठन सुफलाम शाला विकास संकुल ने नौंवीं कक्षा की परीक्षा में पूछा है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस तथा कट्टरपंथी संगठन इस तरह की भ्रामक जानकारी बापू के बारे में सुनियोजित ढंग से एक षडयंत्र के तहत प्रचारित कर रहे हैं। इससे पहले हिंदू महासभा तथा आरएसएस से जुड़े अन्य संगठन और व्यक्ति भी बापू के खिलाफ इसी तरह का षडयंत्र करते रहे हैं। उन्होंने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर का उदाहरण दिया जिसमें उन्होंने बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया है।
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी की सदाशयता, उदारता और अहिंसा को गोडसे की कायरता के समक्ष कमजोर और झुका हुआ दिखाने का षडयंत्र चल रहा है। गांधी के चश्मे को प्रतीक बनाकर नजरिया गोडसे का चलाया जाए, यह चलने वाला नहीं है। 

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