संवाद
लक्ष्मी पूजा के बाद आधी रात को महिलाएं इसी संठी या डंठल से ब्रह्मामुहुर्त में गोल सूप को पीटती हैं। पीटते हुए कहती हैं 'अन-धन लछमी घर आ, दरिदरा बाहर जा'। मान्यता है कि ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। वैसे यह परंपरा कई अन्य समाज में अलग-अलग ढंग से विद्यमान है।दीपावली के दिन कई स्थानों पर सूप बजाया जाता है। ब्रह्ममुहूर्त में उठकर सूप बजाते हुए प्रार्थना की जाती है।
लक्ष्मी पूजा के बाद आधी रात को महिलाएं इसी संठी या डंठल से ब्रह्मामुहुर्त में गोल सूप को पीटती हैं। पीटते हुए कहती हैं 'अन-धन लछमी घर आ, दरिदरा बाहर जा'। मान्यता है कि ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। वैसे यह परंपरा कई अन्य समाज में अलग-अलग ढंग से विद्यमान है।दीपावली के दिन कई स्थानों पर सूप बजाया जाता है। ब्रह्ममुहूर्त में उठकर सूप बजाते हुए प्रार्थना की जाती है।