राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिती के अध्यक्ष डॉ राम मोहन झा के नेतृत्व में ल० ना० मि० विश्वविद्यालय के मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों शिक्षकों तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा एक दिवसीय सामुहिक उपवास का कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर एवं बेगुसराय के शिक्षक/ कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष सह जद यू शिक्षक प्रकोस्ट के वरीय उपाध्यक्ष ने कहा कि १२ फरवरी से २० फरवरी तथा १२ अगस्त से १५ अगस्त २०१९ तक विश्वविद्यालय पर भुख हरताल का आयोजन किया गया। दोनों बार कुलपति के आदेश पर अधिकारियों ने भूख हड़ताल को तोड़वाकर यह कहा कि चयन समिती हो चुके सभी शिक्षकों के पद सृजन की अधिसूचना एक साथ जारी कर दी जाएगी। किन्तु, दोनों ही बार अधिकारियों ने धोखा देने का काम किया। अभी तक बचे शिक्षकों के पद सृजन की अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
सीनेट मतदाता सूची में भारी अनियमितता की गई है। विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी शिक्षक तथा स्नातक चुनाव लर रहे हैं। सारे नियम कानून की अवहेलना कर सिनेट मतदाता सूची बनाई गई है। इस क्रम में अध्यक्ष डॉ राम मोहन झा ने वरीय अधिवक्ता, उच्च न्यायालय पटना से सलाह ली और तय हुआ कि बिहार राज्य मुकदमा निति २०१९ की कापी के साथ कुलाधिपति महोदय, माननीय मुख्यमंत्री तथा कुलपति महोदय को ज्ञापन दे दिया जाय और अगर पन्द्रह दिनों के भीतर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मुकदमा उच्च न्यायालय में स्वीकृत कर ली जायेगी। डॉ झा ने तीनों जगह ज्ञापन प्राप्त करा दिया है।
वहीं कुछ महाविद्यालय तथा कुछ शिक्षकों का चयन समिति तथा सिन्डीकेट से दो-दो बार प्रस्ताव पारित होने के बाद भी अधिसूचना जारी नहीं किया जाना विश्वविद्यालय प्रशासन के संवेदनहिनता को दर्शाता है।
वहीं ८.८.२०१९ को सिन्डीकेट के निर्णय के अनुसार १३ संबद्ध महाविद्यालयों में शाशि निकाय गठन करने हेतु ई-मेल द्वारा सभी प्राचार्य को सूचना दी गई। दो माह बीत जाने के बाद भी शाशि निकाय गठन नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में उन सभी स्थानों पर तदर्थ समिती का गठन किया जाए। अभी स्नातक स्तर का सात साल का तथा इंटर स्तर के तीन साल का अनुदान जल्द ही मिलने वाला है। यदि शाशि निकाय नहीं बना तो फिर अनुदान की राशि शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों को नहीं मिलेगा।
डॉ झा ने कहा कि संघर्ष समिती तीनों सिनेट सदस्य हेतु अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी। तत्काल एक नाम तय कर लिया गया है और दो नाम बाद में तय किया जायेगा। अभी सर्व सम्मति से मि० म० महाविद्यालय, आजम नगर, दरभंगा के सहायक प्राध्यापक अखिल रंजन झा के नाम चयन किया गया है जो अपना नामांकन पत्र कल दिनांक १८.१०.१९ को भरेंगे। नामांकन के समय सभी कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहेंगे।
डॉ झा ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उपरोक्त चारों बिन्दुओं पर कार्रवाई नहीं की गई तो ग्यारह नवम्बर २०१९ से पुनः भुख हरताल प्रारंभ करगा जो बगैर राज भवन हस्तक्षेप के नहीं समाप्त किया जाएगा, क्योंकि डॉ झा ने कहा कि उनका विश्वास विश्वविद्यालय प्रशासन से अब उठ चुका है।
सामूहिक उपवास में शामिल प्रोफेसर कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रोफेसर गंगा प्रसाद सिंह, प्रोफेसर अंजनी कुमार सिन्हा, प्रोफेसर रीता कुमारी, डॉ कुशेश्वर सहनी, प्रोफेसर कमलेश कुमार मिश्र, प्रोफेसर हरिनारायण सिंह, प्रोफेसर अखिल रंजन झा, प्रोफेसर जगदीश चोधरी, प्रोफेसर अजय नाथ झा, प्रोफेसर इन्द्र ये किशोर मिश्र, प्रोफेसर ज्योति रंजन झा, मोहम्मद वशीहुल हक, प्रोफेसर जगदीश मंडल, प्रोफेसर नुरुल्लाह अंसारी, राम परिक्षण सिंह, प्रोफेसर विश्नुदेव सिंह, प्रोफेसर विजय शंकर, भोगेंद्र प्रसाद आदि प्रमुख है। उपवास कार्यक्रम समाप्ति के बाद मांगों से संबंधित ज्ञापन कुलपति महोदय को सोपा गया। समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा