राजेश कुमार वर्मा
सकरा/मुजफ्फरपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । महान स्वतंत्रता सेनानी डॉ० राम मनोहर लोहिया की के पुण्यतिथि के अवसर पर "श्रद्धांजलि सह पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महान स्वतंत्रता सेनानी व महान समाजवादी नेता की स्मृति - शेष डॉ० राममनोहर लोहिया के पुण्य तिथि के मौके पर मुजफ्फरपुर में आयोजित "श्रद्धांजलि - सह- पुष्पांजलि " कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजद के प्रांतीय नेता व सकरा विधायक लालबाबू राम ने कहा कि डॉ० लोहिया चिंतन के अग्रदूत थे l डॉ० लोहिया आर्थिक विषमता, शोषण व अन्याय के विरोधी थे l वे समाजिक न्याय व समाजवाद के महान दार्शनिक थे l
उन्होंने अपने मूल सिद्धांतों से समझौता नहीं किया l राम मनोहर लोहिया की रचनात्मक राजनीति और अद्भुत नेतृत्व क्षमता का प्रभाव इतना दूरगामी रहा कि उनके जाने के करीब 20 सालों बाद ही उनके सिद्धांतों को मानने वाली कई पार्टियां भारतीय लोकतंत्र के पटल पर छाने लगीं. ‘सामाजिक न्याय’ की उनकी संकल्पना तो आज राजनीति का मूल सिद्धांत बन चुकी है l यह राम मनोहर लोहिया की ही दूरदर्शिता थी कि तमाम वंचित जातियों और वर्गों की धीरे-धीरे ही सही, सभी क्षेत्रों में हिस्सेदारी बढ़ रही है l
युग पुरुष की पुण्य तिथि पर उन्हें शत-2 नमन व विन्रम श्रद्धांजलि तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर दिया ।
सकरा/मुजफ्फरपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । महान स्वतंत्रता सेनानी डॉ० राम मनोहर लोहिया की के पुण्यतिथि के अवसर पर "श्रद्धांजलि सह पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महान स्वतंत्रता सेनानी व महान समाजवादी नेता की स्मृति - शेष डॉ० राममनोहर लोहिया के पुण्य तिथि के मौके पर मुजफ्फरपुर में आयोजित "श्रद्धांजलि - सह- पुष्पांजलि " कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजद के प्रांतीय नेता व सकरा विधायक लालबाबू राम ने कहा कि डॉ० लोहिया चिंतन के अग्रदूत थे l डॉ० लोहिया आर्थिक विषमता, शोषण व अन्याय के विरोधी थे l वे समाजिक न्याय व समाजवाद के महान दार्शनिक थे l
उन्होंने अपने मूल सिद्धांतों से समझौता नहीं किया l राम मनोहर लोहिया की रचनात्मक राजनीति और अद्भुत नेतृत्व क्षमता का प्रभाव इतना दूरगामी रहा कि उनके जाने के करीब 20 सालों बाद ही उनके सिद्धांतों को मानने वाली कई पार्टियां भारतीय लोकतंत्र के पटल पर छाने लगीं. ‘सामाजिक न्याय’ की उनकी संकल्पना तो आज राजनीति का मूल सिद्धांत बन चुकी है l यह राम मनोहर लोहिया की ही दूरदर्शिता थी कि तमाम वंचित जातियों और वर्गों की धीरे-धीरे ही सही, सभी क्षेत्रों में हिस्सेदारी बढ़ रही है l
युग पुरुष की पुण्य तिथि पर उन्हें शत-2 नमन व विन्रम श्रद्धांजलि तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर दिया ।