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बिहार में भाई के लंबी आयु और सुख समृद्धी की कामना करने वाला महापर्व भातृ द्वितीया जिसे भाई दूज और यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री



राजेश कुमार वर्मा

दरभंगा/मधुबनी, बिहार (मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । बहन द्बारा अपने भाई के लंबी आयु और सुख समृद्धी की कामना करने वाला महा पर्व भातृ द्वितीया जिसे भाई दूज और यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है! य़ह भाई बहन के स्नेह प्रेम का महान पवित्र पर्व, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को मनाया जाता है! इस बार य़ह पर्व 29 अक्टूबर 2019 मंगलवार के दिन है! भाई दूज का पर्व गौ वर्धन पूजा के ठीक एक दिन बाद मनाया जाता है!
भाई बहन के प्रेम स्नेह का पर्व विस्तृत वर्णन भविष्योतर पुराण के अध्याय 14 के श्लोक 18 से लेकर 73 तक मे मिलता है और भी कई पुरानो मे इसकी जानकारी मिल जाती है! सूर्य और छाया पुत्री यमुना अपने भाई यम को अपने घर पर भोजन करने के लिए न्योता दी परंतु यम भाई अपने कार्य मे अधिक व्यस्तता के कारण बहन यमुना के घर नही जा पाते थे इस कारण बहन थोरा रुष्ट हो गई एक दिन फुर्सत मिलते ही यम देव अपने बहन यमुना के घर गए!जिस दिन यम देव अपने बहन के घर गए उस दिन कार्तिक मास शुक्ल पक्ष, द्वितीया तिथि था! भाई यम देव को अपने घर के द्वार पर देख यमुना अत्याधिक प्रसन्न हुयी भाई आदर सत्कार के साथ घर के अंदर ले गई और अपने हाथ से भोजन बना कर खिलाई! यम भाई अपने प्रति बहन का स्नेह प्रेम देख कर प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद दिए! उस दिन से अबतक भाई बहन का य़ह महान पर्व लोग मनाते आ रहे है! भाई द्बारा भोजन करने के बाद, भाई अपने बहन को आशीर्वाद के रूप मे अपने श्रधा और समर्थ के अनुसार उपहार स्वरूप देने की परम्परा भी बहुत प्राचीन काल से ही चली आ रही है!
इस दिन प्रातः काल स्नान कर पवित्र मन से यम देव की पूजा करनी चाहिए जिससे कई प्रकार के काल कष्ट दूर होता है और मृत्यु से भय मुक्त रहता है! एक मान्यता य़ह भी है कि जिस दिन यमुना ने अपने भाई को भोजन करायी उस दिन नारकीय जीबों को यातना से छुटकारा मिला और वे तृप्त हो गए!Iइस दिन यमुना मे स्नान करने का भी बहुत महत्व है!
इस बार भाई के माथे पर तिलक लगाने का शुभ मुहुर्त 29 अक्टूबर, मंगल बार दिन के 09:16 बजे से 01:23 तक रहेगा!
इस दिन द्वितीया तिथि आरंभ दिन के 08:01 के बाद, और द्वितीया तिथि समाप्त 30 अक्टूबर को बुधवार, प्रा 06: बजे तक!
नोट - अपने अपने क्षेत्रीय पंचांग अनुसार समय सारणL मे कुछ अन्तर हो सकता है!
पंकज झा शास्त्री
पब्लिस बाय अरविद्र पाल 

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