राजेश कुमार वर्मा संग संजय कुमार
समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । समस्तीपुर जिले के रेलप्रेमियों ने सासाराम के युवाओं को धन्यवाद देते हुए कहा है की देश के युवा साथियों,उठो और आवाज बुलंद करो उस व्यवस्था के विरोध में जो देश के सभी सार्वजनिक उपक्रमों खासकर देश के सबसे बड़े रोजगार मुहैया कराने वाली और देश की सबसे बड़ी परिवहन व्यवस्था- भारतीय रेल को बेचने का कुत्सित प्रयास कर रही है। 25 अक्टूबर 2019 को आपमें से कईयों ने टीवी पर न्यूज देखा होगा। याद करिए, लाखों युवाओं द्वारा सासाराम स्टेशन पर रेलवे के निजीकरण के विरोध में जो आंदोलन किया गया है, उसे कितने टीवी चैनलों ने दिखाया? आप यह मान लीजिए कि सभी टेलीविजन चैनल पाकिस्तानी प्रेमी है, क्योंकि उन्हें पाकिस्तान की समस्या सबसे अहम लगती है। तभी तो वे दिनभर पाकिस्तान में क्या समस्याएं हैं, इसको अपने टेलीविजन चैनलों के माध्यम से भारत के लोगों को बताते रहते हैं। मित्रों एक सर्जिकल स्ट्राइक तो इन टेलीविजन चैनलों के विरोध में भी बनती है।
फिलहाल तो मैं सासाराम की भूमि को नमन करता हूं, जहां से रेलवे के निजीकरण के विरोध में बहुत बड़ा बिगुल फूंका गया है। मैं देश के सभी युवाओं से आग्रह कर रहा हूं कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ अब हमलोगों को सडक और रेल की पटरियों पर भी आना होगा। सरकार को मजबूर कर दीजिए कि भारतीय रेल पहले भी आपकी संपत्ति थी, आज भी आपकी संपत्ति है और आगे भी आपकी, यानी कि देश की ही संपत्ति रहेगी। बचाइए भारतीय रेल को इन कॉरपोरेट घरानों से, बचाइए भारतीय रेल को इस निकम्मी सरकार से। उक्त वक्तव्य युवा समाजसेवी रेल प्रेमी संजय कुमार के साथ ही राजेश कुमार वर्मा ने एक भेंट वार्ता में देश के युवाओं को आवाह्न करते हुऐ कहां कि देश के सबसे बड़े रोजगार मुहैया कराने वाली और देश की सबसे बड़ी परिवहन व्यवस्था- भारतीय रेल को बेचने का कुत्सित प्रयास किया गया है । जिसे देश के युवा बरदाश्त नहीं कर सकता है। सासाराम से फुंकी गई बिगुल अब देश के युवाओं को जागृतावस्था में ला खड़ा किया है।
समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । समस्तीपुर जिले के रेलप्रेमियों ने सासाराम के युवाओं को धन्यवाद देते हुए कहा है की देश के युवा साथियों,उठो और आवाज बुलंद करो उस व्यवस्था के विरोध में जो देश के सभी सार्वजनिक उपक्रमों खासकर देश के सबसे बड़े रोजगार मुहैया कराने वाली और देश की सबसे बड़ी परिवहन व्यवस्था- भारतीय रेल को बेचने का कुत्सित प्रयास कर रही है। 25 अक्टूबर 2019 को आपमें से कईयों ने टीवी पर न्यूज देखा होगा। याद करिए, लाखों युवाओं द्वारा सासाराम स्टेशन पर रेलवे के निजीकरण के विरोध में जो आंदोलन किया गया है, उसे कितने टीवी चैनलों ने दिखाया? आप यह मान लीजिए कि सभी टेलीविजन चैनल पाकिस्तानी प्रेमी है, क्योंकि उन्हें पाकिस्तान की समस्या सबसे अहम लगती है। तभी तो वे दिनभर पाकिस्तान में क्या समस्याएं हैं, इसको अपने टेलीविजन चैनलों के माध्यम से भारत के लोगों को बताते रहते हैं। मित्रों एक सर्जिकल स्ट्राइक तो इन टेलीविजन चैनलों के विरोध में भी बनती है।
फिलहाल तो मैं सासाराम की भूमि को नमन करता हूं, जहां से रेलवे के निजीकरण के विरोध में बहुत बड़ा बिगुल फूंका गया है। मैं देश के सभी युवाओं से आग्रह कर रहा हूं कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ अब हमलोगों को सडक और रेल की पटरियों पर भी आना होगा। सरकार को मजबूर कर दीजिए कि भारतीय रेल पहले भी आपकी संपत्ति थी, आज भी आपकी संपत्ति है और आगे भी आपकी, यानी कि देश की ही संपत्ति रहेगी। बचाइए भारतीय रेल को इन कॉरपोरेट घरानों से, बचाइए भारतीय रेल को इस निकम्मी सरकार से। उक्त वक्तव्य युवा समाजसेवी रेल प्रेमी संजय कुमार के साथ ही राजेश कुमार वर्मा ने एक भेंट वार्ता में देश के युवाओं को आवाह्न करते हुऐ कहां कि देश के सबसे बड़े रोजगार मुहैया कराने वाली और देश की सबसे बड़ी परिवहन व्यवस्था- भारतीय रेल को बेचने का कुत्सित प्रयास किया गया है । जिसे देश के युवा बरदाश्त नहीं कर सकता है। सासाराम से फुंकी गई बिगुल अब देश के युवाओं को जागृतावस्था में ला खड़ा किया है।