राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । यह कोई जरूरी नही की पूजा पाठ पंडित द्वारा ही करवाया जाय। यह ध्यान रहे कि पूजा पाठ आस्था का विषय है और इसकी विधि अनंत हैं हां यह जरूर है कि कर्म कांड के माध्यम से विद्वानों द्वारा विधि बताए गए है । जिसको निष्ठा पूर्वक करने से हमे अपने आंतरिक शक्ति से प्राकृतिक शक्ति तक संपर्क स्थापित करना सरल हो जाता है। विद्वान पंडित जी इन्हीं कर्म कांड के माध्यम से पूजा पाठ करवाते है। आज इस विषय में विद्वानों की कमी देखी जा रही है या यह कह सकते है कि इस विषय से लोग दूर होते दिख रहे है। इसका मुख्य कारण यह है कि आज के समय के अनुसार पंडित जी को दक्षिणा नहीं मिल पाते। शास्त्रों कि माने तो निश्चित रूप से पंडित जी का दक्षिणा दशाअंश होना चाहिए। परन्तु यहां दशाअंश तो क्या उनको समय के अनुसार उचित दक्षिणा भी नही मिल पाते। कभी कभी तो ऐसा भी देखा जाता है कि पंडित जी का दक्षिणा रख लिया जाता है और कुछ दिन के बाद दिया जाता है जबकि शास्त्रों के अनुसार दक्षिणा बिना दिए एक रात बीत जाने पर उस दक्षिणा का छः गुणा हो जाता है।
इसी समस्या के कारण कर्म कांड में बहुत कम लोग रुचि लेते है। जिस कारण कभी कभी योग्य पंडित जी का अभाव रहता है। कुछ विद्वान इस विषय को अपनाए हुए है तो वो अपने जीविका के कारण कई जगह पूजा करवा लेते है। बेहतर होगा कि पंडित जी को बुलाने के बाद उचित दक्षिणा जरूर दें या आप चाहे तो पंडित जी को बिना बुलाए स्वयं की पूजा पाठ कर सकते है इसमें कोई आपत्ती नही है। पंकज झा शास्त्री