इस दिवस को मनाते हुए 39 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन दुनिया भर में भूखे पेट सोने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है: विधायक लालबाबू
राजेश कुमार वर्मा
मुजफ्फरपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । विश्व खाद्य दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विश्व खाद्य दिवस के मौके पर मुजफ्फरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में राजद के प्रांतीय नेता -सह - सकरा के माननीय विधायक लालबाबू राम ने कहा की 16 अक्टूबर 1980 से "विश्व खाद्य दिवस " मनाना प्रारम्भ हुई l उन्होंने बताया कि 'विश्व खाद्य दिवस' प्रत्येक वर्ष '16 अक्टूबर' को मनाया जाता है। यह दिवस विश्व में लोगों को खाद्यान्न की महत्ता समझने और उसकी बर्बादी रोकने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा की इस दिवस को मनाते हुए 39 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन दुनिया भर में भूखे पेट सोने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है। यह संख्या आज भी तेज़ी से बढती जा रही है। विश्व में आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो भूखमरी से जूझ रहे हैं। इस मामले में विकासशील या विकसित देशों में किसी तरह का कोई फ़र्क़ नहीं है। विश्व की आबादी वर्ष 2050 तक नौ अरब होने का अनुमान लगाया जा रहा है और इसमें क़रीब 80 फीसदी लोग विकासशील देशों में रहेंगे। ऐसे में किस तरह खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, यह एक बड़ा प्रश्न है। दुनिया में एक तरफ़ तो ऐसे लोग हैं, जिनके घर में खाना खूब बर्बाद होता है और फेंक दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिन्हें एक समय का भोजन भी नहीं मिल पाता। खाद्यान्न की इसी समस्या को देखते हुए '16 अक्टूबर' को हर साल 'विश्व खाद्य दिवस' मनाने की घोषणा की गई थी।
राजद विधायक ने कहा की भूख की वैश्विक समस्या को तभी हल किया जा सकता है, जब उत्पादन बढ़ाया जाए। साथ ही उससे जुड़े अन्य पहलुओं पर भी समान रूप से नजर रखी जाए। खाद्यान्न सुरक्षा तभी संभव है, जब सभी लोगों को हर समय, पर्याप्त, सुरक्षित और पोषक तत्वों से युक्त खाद्यान्न मिले, जो उनकी आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सके। साथ ही कुपोषण का रिश्ता गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, आदि से भी है। इसलिए कई मोर्चों पर एक साथ मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना होगा।