राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर रेल मंडल के गंडक कॉलोनी निवासी इन दिनों रेल प्रशासन के उपेक्षा का शिकार होकर नारकीय जिन्दगी जीने को मजबूर है । बताया जाता है की रेलवे आवास सं० ८०, ८१, ८२, ८३, ८४,८५, ८६ इत्यादि सहित कई आवास बरसात के और नाले के गंदे पानी के घरों में जमाव होने से भयंकर महामारी की आशंका प्रवल दिख रही है । जब मीडिया दर्शन/मिथिला हिन्दी न्यूज बेव पोर्टल के स्थानीय जिला प्रतिनिधि राजेश कुमार वर्मा ने इस संदर्भ में मंडल रेल मंडल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी से विगत गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छता पखवाड़ा के तहत अंतिम दिन स्टेशन परिसर की साफ सफाई अभियान के दर्मियान प्रश्न पुछे जाने पर की स्टेशन की साफ सफाई की सफाई व्यवस्था के अलावे रेलवे कर्मचारियों के आवासीय कॉलोनी की निवासियों के आवास की साफ सफाई एंव गंदे पानी की निकासी जैसी भीषण समस्याओं पर भी ध्यान है या नहीं .? उक्त प्रश्न के सवाल पर मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी ने मीडिया प्रभारी सह सीनियर डीसीएम वीरेन्द्र कुमार सहित सिनीयर डीएम ओ गोविंद प्रसाद जी को गंडक कॉलोनी सहित अन्य रेलवे कॉलोनियों की सफाई व्यवस्था देखने की जिम्मेवारी और पूर्णतः सफाई कराने का आदेश निर्देश तत्क्षण दिया । लेकिन दो दिन बीतने के बावजूद भी किसी प्रकार की ध्यान नहीं दिऐ जाने के उपरांत जब राजेश कुमार वर्मा ने कालोनी वासी सुनील कुमार ८४ के साथ ही अनील कुमार ८३ के झील में तब्दील आवासीय परिसर का दृश्य का अवलोकन करते हुए दूरभाष द्वारा छायांकन भेजा गया तो आनन फानन में सफाई कर्मचारियों को लगाते हुऐ नाले की सफाई कार्य शुरू किया गया। वहीं आवास में रहने वाले सुनील कुमार की पत्नी खुश्बू देवी ने बताया कि विगत सात दिनों से घर का सारा कामकाज ठप हैं, बच्चे भी बीमारी से घिर गए हैं लेकिन हमलोगों पर रेल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं हैं जिसके कारण हमलोग जल जमाव से पीड़ित हैं और भयंकर रोग होने की कल्पना से सशंकित है । सिनीयर डीएमओ ने इसके बाद कहा कि तीन दिनों के अंदर पुरी तरह से साफ सफाई कर लिया जाएगा । इसके साथ ही कहा कि कॉलोनी के कुछ जगहों पर अतिक्रमण के कारण भी सफाई कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता है । आरपीएफ की मदद से इसे जल्द ही हटाने की प्रक्रिया शुरू किया जाऐगा । फिलहाल कालोनी वासी के घरों में जमा गंदा पानी की निकासी धीरे धीरे होने लगा है । अब देखना यह है कि रेल मंडल प्रबंधक के आदेश का अनुपालन कब तक होता रहेगा या पूर्व की भांति इस आदेश को भी कोड़ा भाषण ही समझा जाएगा ।