बाल संसद के कार्यों की जानकारी लेतीं आनंदशाला की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अंजू प्रिया
राजेश कुमार वर्मा
विद्यापतिनगर/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । बाल मनोविज्ञान के अंतर्गत बच्चों में किसी विषयगत चीजों को सीखने की असीम क्षमता होती हैं।अतयैव बच्चों की सृजनात्मक क्षमता का सही दिशा में उपयोग कर बेहतर भविष्य की हम नींव डाल सकते हैं। उक्त बातें आनंदशाला की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अंजू प्रिया ने कहीं।वें प्रखंड अंतर्गत कन्या मध्य विद्यालय,मऊ में गुरुवार को निरीक्षण करने पहुंची थीं । कहा कि वर्तमान परिवेश में बच्चों की सृजनात्मक क्षमता को हौसला देने की आवश्यकता है ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ नवाचार के अभिनव प्रयोग के संदर्भ में रूचि लेकर जानकारी प्राप्त कर सकें । समावेशी शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए सुश्री प्रिया ने कहा कि शिक्षकों को भी बाल मनोवृत्ति की रचनाधर्मिता को पंख देने की आवश्यकता है।इसके लिए शिक्षकों को अपने व्यवहारिक दृष्टिकोण में सम्यक परिवर्तन लाने की जरूरत है। चेतना सत्र के दरम्यान उन्होंनें विद्यालयी बच्चों व शिक्षकों की गतिविधियों का अवलोकन कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। बाल संसद के कार्यों की प्रशंसा करते हुए एचएम प्रीती कुमारी से नामांकित बच्चों की जानकारी लेते हुए क्षिजित बच्चों की विद्यालय में वापसी के तौर-तरीकों को गहनता से बतलाया । उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में नवाचार को विकसित करने के लिए आनंदशाला की ओर से कई कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है ताकि बच्चों का चतुर्दिक विकास हो सकें।मौके पर एचएम प्रीती कुमारी, शिक्षिका अंजना सिंह,पिंकी कुमारी,रूबी कुमारी,कुषाण आनंद आदि मौजूद रहे।