सामाजिक कुरीतियों को बंद करने का लिया सामूहिक निर्णय
राजेश कुमार वर्मा संग रामजी राय
पूसा/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ।
युवाओं के द्वारा सार्थक प्रयास से श्राद्ध भोज और इससे संबंधित सभी तरह की सामाजिक कुरीतियों के संदर्भ में आज बेला गांव के लगभग सभी परिवार के सदस्य एकत्रित हुए। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व मुखिया फेकन झा ने श्राद्ध भोज और इससे संबंधित अन्यत्र कुरीतियों का जमकर विरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि - "इस तरह के विषय में जिस तरह से नौजवान अपनी सहभागिता दर्ज करा रहे हैं, यह अपने आप मे एक ऐतिहासिक घटना है।और मैं सहयोग के क्रम मे हर तरह की भूमिका निभाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा करता हूँ। "कई नौजवानों ने प्रामाणिक ढंग से अपनी बात रखते हुए कहा कि यदि समस्या यह है कि यह शुरुआत किससे की जाए तो मैं इस संदर्भ में अपने परिवार से शुरुआत करने में किसी प्रकार की असुविधा महसूस नही करता हूं।
कुल मिलाकर श्राद्ध भोज के प्रति लोगो के अंदर एक लंबित क्रोध था जिसकी अभिव्यक्ति इस कार्यक्रम में देखी गई। और इससे यह तो लगभग तय माना जा सकता है कि इस प्रकार की कुप्रथा अब अधिक दिनों तक नही चलने वाली है। दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की योजना में युवाओं ने तो अपनी प्रतिक्रिया दी ही लेकिन एक बार फिर से पिछली पीढ़ी के लोगों ने अपने प्रगतिशील विचारों से यह साबित कर दिया कि प्रगतिशील परिवर्तन में उनकी भूमिका को मौजूदा दौर में भी नजरअंदाज नही किया जा सकता है।
इस क्रम में पूर्व मुखिया (फेकन झा), इंद्रमोहन झा, उदय झा, गोपालजी, श्याम झा, योगी झा, गणपत झा, अरुण झा, वीरेन्द्र झा, रमेश झा, नवीन झा आदि की भूमिका क्रांतिकारी रूप में सामने आई है। इसके साथ ही सैंकड़ों नौजवानों की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
"परिवर्तन संसार का नियम है और रघुनाथपुर बेला भी एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर बढ़ेगा" इस बात की उम्मीद अब की जा सकती है।