राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । मोहर्रम की दसवीं को करबला में हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत के 40 दिन बाद मनाए जानेवाला *चहल्लुम* जिसे लोग *चालीसवां* भी कहते हैं, आज रविवार को मनाया जा रहा है।
दरभंगा में जिला मोहर्रम कमिटी के अध्यक्ष शिगबतुल्लाह उर्फ़ डब्बू खान और महासचिव कलीमुद्दीन उर्फ़ रुस्तम कुरैशी के मुताबिक कमिटी द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सुबह कुरआन खानी कराइ गई उसके बाद दोपहर में विभिन्न मुहल्लों से अखाड़े किलाघाट पहुंचेंगे। शाम को मगरिब की नमाज़ के बाद एक जलसा *ज़िक्र ए शोहदा-ए-करबला* का आयोजन किया गया है जिसमे उलेमा हज़रत इमाम हुसैन, जंग-ए-करबला और इस्लाम पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।
शाम को ही जिला मुहर्रम कमिटी द्वारा बीते वर्ष मोहर्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अखाड़ो को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अनुशासन, शांति, सौहार्द को प्रमुखता दिया था, साथ ही बेस्ट ताजिया, सीपल, खिलाडी आदि को भी सम्मानित किया जाएगा।
आज के दिन मुस्लिम समुदाय द्वारा शर्बत, खिचड़ा आदि बांटा जाता हैं, गरीब गुरबों की इमदाद करते हैं, कुरान खानी व दुआएं की जाती हैं। समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा
दरभंगा/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । मोहर्रम की दसवीं को करबला में हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत के 40 दिन बाद मनाए जानेवाला *चहल्लुम* जिसे लोग *चालीसवां* भी कहते हैं, आज रविवार को मनाया जा रहा है।
दरभंगा में जिला मोहर्रम कमिटी के अध्यक्ष शिगबतुल्लाह उर्फ़ डब्बू खान और महासचिव कलीमुद्दीन उर्फ़ रुस्तम कुरैशी के मुताबिक कमिटी द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सुबह कुरआन खानी कराइ गई उसके बाद दोपहर में विभिन्न मुहल्लों से अखाड़े किलाघाट पहुंचेंगे। शाम को मगरिब की नमाज़ के बाद एक जलसा *ज़िक्र ए शोहदा-ए-करबला* का आयोजन किया गया है जिसमे उलेमा हज़रत इमाम हुसैन, जंग-ए-करबला और इस्लाम पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।
शाम को ही जिला मुहर्रम कमिटी द्वारा बीते वर्ष मोहर्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अखाड़ो को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अनुशासन, शांति, सौहार्द को प्रमुखता दिया था, साथ ही बेस्ट ताजिया, सीपल, खिलाडी आदि को भी सम्मानित किया जाएगा।
आज के दिन मुस्लिम समुदाय द्वारा शर्बत, खिचड़ा आदि बांटा जाता हैं, गरीब गुरबों की इमदाद करते हैं, कुरान खानी व दुआएं की जाती हैं। समस्तीपुर से राजेश कुमार वर्मा