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सरोज कुमार सिन्हा पर जालसाजी कर जमीन निबंधन कराने का लगाया आरोप, थाने में मुकदमा दर्ज


राजेश कुमार वर्मा

 समस्तीपुर,बिहार ( मिथिला हिंदी न्यूज़ कार्यालय ) । स्थानीय निवासी सरोज कुमार सिन्हा पर जालसाजी कर जमीन निबंधन कराने का लगाया आरोप, नगर थाने में हुआ मुकदमा दर्ज । बताया जाता है कि समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना अंतर्गत बैकुंठपुर ब्रहण्डा निवासी राकेश रमन ने नगर थाने में विगत 15 अक्टूबर 19 को एक आरोप पत्र देते हुऐ कहा है की सरोज कुमार सिन्हा वो शेखर प्रियदर्शी पिता स्व० मिथिलेश कुमार सिन्हा ने खुद को लाभ पहुंचाने के लिए एक गलत आदमी को खड़ा कर मेरे नाम से समस्तीपुर निबंधन कार्यालय में फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक षड्यंत्र के तहत जाल फरेबी कर फर्जी केवाला निष्पादित कराया । उक्त फर्जी केवाला में शीलवन्त कुमार पिता सत्येंद्र नारायण सिंह निवासी बैकुंठपुर ब्रहण्डा ने गलत ब्यानबाजी कर उपरोक्त जालसाज की पहचान किया है वहीं सुजीत कुमार पिता स्व० रामाश्रय महतो निवासी मोख्तियारपुर थाना दलसिंहसराय ने गवाह के तौर पर अपना हस्ताक्षर किया है । श्री रमण ने आगे आरोप पत्र में कहा है की मैं करीब २५ वर्षों से नोएडा युपी के गौतमबुद्ध नगर सेक्टर ४७ प्लाट नं०- ए , ३६३ में रहकर नौकरी करते हुऐ वर्ष २०१७ में सेवानिवृत्त हो गया। उन्होंने आगे कहा है तत्पश्चात मैं कारपोरेट हाउस में कन्सलटेंसी सर्विस चला रहा हूं । उन्होंने यह भी कहा है कि वर्तमान समय में मधुमेह रोग , उच्च रक्तचाप के साथ ही लकवा रोग से ग्रसित होने के कारण जे०पी० अस्पताल नोएडा के अधीन नियमित चिकित्सा में हूं । उन्होंने आगे आरोप पत्र में कहा है कि मेरे पिता स्व० गोपी रमण से हम चार भाई क्रमशः राकेश रमण,अमरेश रमण,राजेश रमण व शैलेश रमण हैं , दो भाई अमेरिका में सपरिवार नौकरी करते है । इसके साथ ही एक भाई बोकारो स्टील सीटी में नौकरी करते है । इसके साथ ही मेरे दो बच्चे अमेरिका एंव मुम्बई में रहकर नौकरी करते है । उन्होंने आरोप पत्र में आगे कहा है कि इधर कुछ दिनों से हमलोगों के द्वारा पैतृक जमीन को बेचने की बात हम चारों भाईयों के बीच हुई । जिस पर सहमति बनी की हमलोग अपनी पुरी पैतृक संपत्ति बेच देंगे।क्योंकि हमलोग देखभाल करने में असमर्थ हैं। उन्होंने आगे आरोप पत्र में आगे कहा है कि इस बात की जानकारी मेरे ग्रामीण सरोज कुमार सिन्हा व शेखर प्रियदर्शी दोनों के पिता स्व० मिथिलेश कुमार सिन्हा को होने पर नोएडा आकर मिले, जिनकी गिद्ध जैसी दृष्टि हमारे सम्पत्ति पर बहुत पहले से थी कहा कि आप अपनी संयुक्त पैतृक संपत्ति मेरे हाथ से बेच दें ।जिसका कीमत उन्होंने बहुत ही कम बताया । उन्होंने आगे कहा है कि मैंने उनके हाथों से जमीन बेचने से इंकार कर दिया। इस पर वे दोनों भाई यह कहते हुए धमकी देकर चले गए कि मैं आपका सारा पैतृक संपत्ति किसी ना किसी तरीके से कब्जा कर लूंगा । उन्होंने आगे आरोप पत्र में लिखा है कि इसी बीच दिनांक २४ सितंबर १९ को मेरे दामाद रमेश कुमार वर्मा ने.मुझसे फोन कर पुछा की क्या आपने शेखर प्रियदर्शी के नाम अपने पिता वो चाचाओं की सारी जमीन समस्तीपुर निबंधन कार्यालय में निबंधित कर दिया है ।जिस पर मैने चौंकते हुऐ कहा कि इस समय मैं रोगग्रस्त हूं और अपना इलाज जे०पी० अस्पताल नोएडा में करवा रहा हूं तो मैं किस तरह हजारों किलोमीटर दूर समस्तीपुर में निबंधन कार्यालय जा सकता हूँ । इस बात की जानकारी मिलते ही मैने उनसे किये गए केवाला की प्रति भेजने के लिए कहा । उन्होंने आगे कहा है की मेरे दामाद द्वारा निबंधन कार्यालय समस्तीपुर से उक्त फर्जी केवाला संख्या १३४८६/२३ सितम्बर २०१९ की सच्ची प्रतिलिपि ( नकल ) निकाल कर दिया। जिसके बाद ज्ञात हुआ कि फर्जी तरीक़े से मेरे बदले किसी और व्यक्ति को खड़ाकर मेरे सारी पैतृक संपत्ति को षड्यंत्र रचकर निबंधन निष्पादित करा लिया है । उन्होंने आगे आरोप पत्र में यह भी लिखा है की इस जालसाजी व.जाल फरेबी केवाला को निष्पादित कराने में निबंधन कार्यालय के कातिब सुबोध कुमार सिन्हा लाईसेंस सं० २२१/२००१ की भी संलिप्तता आरोपी लोगों के साथ मिलकर फर्जी केवाला मेरे नाम से तैयार किया गया व निष्पादित किया गया ।जिससे मैं काफी आहत हूं । इतना ही नहीं उनलोगों ने भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड सं० २०४० ३५८७ ०९६० का जिक्र किया है परन्तु उपरोक्त आधार कार्ड का कोई छाया प्रति जिसपर मेरा हस्ताक्षर हो कार्यालय में जमा नहीं किया गया । उन्होंने आरोप पत्र में आगे कहा है की यहां यह बताना जरुरी है की उपरोक्त केवाला पर ना ही मेरा कोई फोटोज है और ना ही हस्ताक्षर है और ना ही मेरे अंगुठे का निशान हैं । उन्होंने नगर थानाध्यक्ष से गुहार लगाते हुए कहा है कि जालसाज सरोज कुमार सिन्हा व शेखर प्रियदर्शी, शीलवन्त कुमार, सुजीत कुमार के साथ ही सुबोध कुमार सिन्हा सहित वो व्यक्ति जिसने मेरे बदले में मेरे नाम से निबंधन कार्यालय में उपस्थित होकर केवाला पर अंगुठे के निशान के साथ ही हस्ताक्षर कर निष्पादित किया है । भारतीय दण्ड संहिता के उचित धाराओं के अन्दर प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही है । उपरोक्त आरोप पत्र के आधार पर नगर थानाध्यक्ष सीताराम प्रसाद ने मुकदमा सं० २५६ दिनांक १५ अक्टूबर २०१९ भादवि ४७१/१२०(बी) आइपीसी अधिनियम के तहत दर्ज करते हुऐ मुकदमा का अनुसंधान वास्ते एएसआई नरेन्द्र कुमार सिंह को अनुसंधान का जिम्मेदारी सौंपी है । इस सन्दर्भ में जब आरोपी से मीडिया दर्शन के राजेश कुमार वर्मा ने आज जानकारी प्राप्त करने हेतू दुरभाष से कई बार संपर्क किया गया लेकिन लगातार घंटी बजने होने के बाबजूद मोबाइल फोन उठाया नहीं गया । उपरांत इस बात की आगे की कार्यवाही हेतु नगर थानाध्यक्ष सीताराम प्रसाद से बातचीत किया गया तो उन्होंने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है और अनुसंधान जारी है। अभी केस के आईओ द्वारा रिव्यू के लिए नहीं दिया गया है । रिव्यू के लिए रिपोर्ट आते ही आगे की कार्यवाही किया जाएगा ।

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