अपराध के खबरें

डाॅ० लोहिया सामाजिक न्याय एवं समाजवाद के महान दार्शनिक थे - शाहीन


राजेश कुमार वर्मा

दरभंगा/समस्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । महान स्वतंत्रता सेनानी डाॅ० राम मनोहर लोहिया की स्मृति - दिवस पर दरभंगा में "समाजवाद व लोहिया का जीवन दर्शन " विषयक "विचार गोष्ठी " आयोजित की गई ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ उपस्थित लोगों ने डाॅ० लोहिया के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व समस्तीपुर के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की डाॅ० लोहिया समग्र व्यक्तित्व के स्वामी थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई को आगे ले जाने का काम किया। डाॅ० लोहिया केवल राजनेता ही नहीं बल्कि मौलिक चिन्तन करने वाले दार्शनिक थे। उनकी पुण्य तिथि पर सारा देश उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है। डाॅ० लोहिया ने विपक्ष में एकता लाने का काम किया तथा वे जनतंत्र में राजनैतिक छुआ-छूत के विरोधी थे। डाॅ० लोहिया चिन्तन के अग्रदूत थे।
माननीय विधायक ने कहा की डॉ० लोहिया मानव की स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे। वह समाजवादी भी इस अर्थ में थे कि, समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था और वह अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल की अनुभूतियों से महकाना चाहते थे। वह चाहते थे कि व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद, कोई दुराव और कोई दीवार न रहे। सब जन समान हो, सब जन का मंगल हो।
राजद विधायक श्री शाहीन ने कहा की डाॅ० लोहिया जनता को वह जनतंत्र का निर्णायक मानते थे। डॉ० लोहिया अक्सर यह कहा करते थे कि उन पर केवल ढाई आदमियों का प्रभाव रहा, एक मार्क्‍स का, दूसरे गांधी का और आधा जवाहरलाल नेहरू का ।
उन्होंने कहा की डॉ० लोहिया सामाजिक आर्थिक विषमता और शोषण, अन्याय के विरोधी थे । डाॅ० राम मनोहर लोहिया के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए श्री शाहीन ने कहा कि डा० लोहिया जी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ही समाजवादी समाज की स्थापना के लिए संघर्ष प्रारम्भ कर दिया था। आजादी के बाद सामाजिक न्याय के लिए उन्होंने आरक्षण के लिए पिछडे़ पाए 100 में 60 का लोकप्रिय नारा दिया था और देशभर के समाजवादियों को एकजुट करके संयुक्त समावादी पार्टी की स्थापना की थी। डाॅ० लोहिया सामाजिक न्याय एवं समाजवाद के महान दार्शनिक थे। 

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live