राजेश कुमार वर्मा
नई दिल्ली ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । प्रॉपर्टी में फर्जीवाड़े पर केंद्र सरकार लगाम कसने की पूरी तैयारी कर चुकी है। संपत्तियों की खरीद फरोख्त के माध्यम से फैलाए जा रहे भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए मोदी सरकार नया कानून लाने जा रही है। प्रॉपर्टी ऑनरशिप से जुड़े इस कानून में फिक्स्ड एसेट्स के मालिकाना हक के लिए उसको आधार से लिंक कराना जरूरी होगा। इस कानून के सहारे जमीन-मकान की खरीदारी में धोखाधड़ी पर विराम लगेगा, साथ ही बेनामी संपत्ति का भी खुलासा होगा।
रजिस्ट्रार ऑफिस में खेसरा नंबर के आधार पर टाइटल जनरेट कराना होगा। इसे आधार से लिंक कराना होगा। रजिस्ट्री भी बेचने के बाद होगी, जमीन का रिकॉर्ड अपडेट होगा। आधी प्रॉपर्टी बेचने पर भी रजिस्ट्री होते ही रिकॉर्ड अपडेट हो जाएगा। बायोमैट्रिक से घर बैठे ही प्रॉपर्टी बेच सकेंगे। हालांकि रजिस्ट्री में एक महीने का समय लगेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कानून को लेकर ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति भी गठित कर दी गई है। राज्यों से समन्वय कर केंद्र सरकार मॉडल कानून बनाएगी, जो शख्स अपनी प्रॉपर्टी को आधार से लिंक कराएगा, उसकी संपत्ति पर कब्जा होता है तो उसे छुड़ाना सरकार की जिम्मेदारी होगी या फिर सरकार मुआवजा देगी।