अपराध के खबरें

देवोत्थान एकादशी इस बार मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार शुक्रवार को मनाया जाएगा : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री


राजेश कुमार वर्मा

दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । देवोत्थान एकादशी इस बार मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 08 नवम्बर 2019 शुक्रवार को मनाया जाएगा ।
 कार्तिक मास शुक्ल पक्ष एकादशी को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है ।
 एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु आषाढ़ मास के शुक्ल एकादशी को शयन करते है, भाद्र शुक्ल एकादशी को करवट लेते है और कार्तिक शुक्ल एकादशी मे जागते है! वेसे सभी एकादशी मे दिन मे अन्न खाना वर्जित माना गया है! कहा जाता है कि द्वादशी युक्त एकादशी करनी चाहिए परंतु दशमी युक्त एकादशी नहीं करनी चाहिए! मिथिला मे प्रबोधनी देवोत्थान एकादशी को दिन भर उपवास रखकर शाम मे फलाहार करते है! कुछ लोग एक दिन पूर्व एकमुस्त कर के दोनों समय उपवास रहकर दूसरे दिन परना करते है जो सम्पूर्ण व्रत कहलाता है!
विच आँगन मे तुलसी चौरा के पास चावल का बनाया हुआ पीठार से गृहस्थ याबनतो वस्तु का अरीपन बना सिंदूर लगा कर साथ मे अष्टदल बना उस पर एक छोटी चौकी जिसपर सिंदूर पीठार लगा कर, गन्ने से मंडप निर्माण कर उसमे भगबान की पूजा कर के ब्राह्मण विद्वान द्बारा भगवान को मंत्र के साथ उठाया जाता है! कुछ घर मे अपने कुल देवी या देवता को बाहर जहां आँगन मे अष्टदल हो उस जगह से धान के शीश के द्बारा घर के तरफ करते है एसा माना जाता है कि अपने अपने कुल देवी देवता को घर मे बुलाते है! भगवती लक्ष्मी का पद चिन्ह अपने घर की तरफ करके बनाते है! इस पर्व को स्त्री पुरुष समान रूप से करते है परंतु जहां शालिग्राम भगवान होते है वहां सिर्फ पुरुष लोग ही भगवान को उठाते है!
पंकज झा शास्त्री

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live