राजेश कुमार वर्मा
राजगीर/नालन्दा, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) । समाज कल्याण विभाग,बिहार सरकार के सभी प्रोफेशनलस परामर्शी व अधिकारियों को बच्चों में नशा लेने की बढ रही प्रवृति व रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण ज्ञान स्थली राजगीर, नालंदा में दिया गया। इस अवसर पर बिहार के बच्चों में बढ रहें ड्रग्स के दुरूपयोग रोकने के लिए काउंसलर्स व अधिकारियों का प्रशिक्षण दिया गया ।पटना से आये मनोवैज्ञानिक डॉ॰ मनोज कुमार ने बताया की बच्चों में विभिन्न तरह के नशे का शिकार होते देखा जा रहा। कफ सिरप, फेंसीडील, ठंडा तेल व विक्स आदि को भी रोटी के साथ खाते देखा जा रहा।6 साल से 18 वर्ष के बच्चों में व्हाइटनर का उपयोग धङल्ले से किया जा रहा।एल सी डी नशा बच्चों में ज्यादातर लोकप्रिय होता जा रहा।इस पर मनोवैज्ञानिक डॉ॰ कुमार ने परामर्शीगण को विशेष तरीके सिखाये ताकी ऐसे प्रभावित बच्चों को ससमय पहचान व उनका रोग निदान किया जा सके।अपने सत्र के दौरान उन्होने बिहार के काउंसलर्स को अपने अंदर इंमोशनल इंटेलिजेंस को रेगुलेट करने की अपील की ताकि वो इस प्रोफेशन से आत्मीय हो बच्चों के उत्थान के लिए कार्य कर सके।आज के इस कार्यशाला में इनके द्वारा सहज व सरल संचार कौशल तकनीक भी बच्चों के काउंसलिंग के लिए सिखाये गये।इस अवसर पर डॉ॰ अमरदीप कुमार,एसोसिएट प्रोफ़ेसर व मनोचिकित्सक, विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा विभाग, पावापुरी मेडिकल कॉलेज, पावापुरी, नालंदा द्वारा नशे की समस्या से निदान पर स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार के राजव्यापी अभियान पर विस्तृत जानकारी प्रसिक्षुगण को दिया गया।इनके द्वारा अलग-अलग प्रश्नों का सीधा जवाब भी दिया गया।आज के इस राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायक निदेशक, जि.बा.सं.स,नालंदा श्री विनोद ठाकुर, मनीष कुमार,प्रोग्राम आफिसर एस.सी.पी.एस,सैफ उल रहमान,कंसल्टेट यूनिसेफ,शाहिद जावेद, कंसल्टेट यूनिसेफ, सुमन कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर, एस.सी.पी.एस व 50 से अधिक परामर्शी को बच्चों में नशे से उबारने व काउंसलिंग के लिए प्रशिक्षण दिया गया।