राजेश कुमार वर्मा संग अमित कुमार
पटोरी/समस्त्तीपुर, बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय ) ।
चकसाहो में हो रही नौ दिवसीय श्री राम कथा का आज आखरी दिन गुरुवार को पूज्य श्री प्रसांत जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संवोधित करते हुए कहा कि
सीता के इस श्राप के कारण 'श्रीराम' के हाथों मरा रावण
यह उस समय की बात है जब भगवान शिव से वरदान और शक्तिशाली खड्ग पाने के बाद अहंकारी रावण और भी अधिक अहंकार से भर गया था। वह पृथ्वी से भ्रमण करता हुआ हिमालय के घने जंगलों में जा पहुंचा। वहां उसने एक रूपवती कन्या को तपस्या में लीन देखा। कन्या के रूप रंग के आगे रावण का राक्षसी रूप जाग उठा और उसने उस कन्या की तपस्या भंग करते हुए उसका परिचय जानना चाहा कामवासना से भरे रावण के अचंभित करने वाले प्रश्नों को सुनकर उस कन्या ने अपना परिचय देते हुए रावण से कहा कि हे राक्षस राज मेरा नाम वेदवती है। उक्त विचार नौ दिवसीय श्री राम कथा के आखिरी दिन यानी गुरुवार को पूज्य श्री प्रसांत जी महाराज ने पटोरी प्रखंड के चकसाहो मिडिल स्कूल के प्रांगण में बताये। मौके पर आयोजक समिति के अध्यक्ष रधुनाथ प्रसाद चौधरी, सचिव मनोज झा ,कोषाध्यक्ष धरविंद्र कुमार, बिरजू कुमार, पूर्व मुखिया अमरनाथ चौधरी, मनीष पोद्दार, रजनीश पोद्दार आदि लोगों ने अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।